ट्रंप की US First पॉलिसी के बीच बना नया समीकरण, एक मंच पर होंगे मोदी-जिनपिंग, पुतिन और शहबाज; अमेरिका को मिलेगा कड़ा जवाब?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अगस्त से जापान और चीन की अहम यात्रा पर निकल रहे हैं. जापान में वे पीएम शिगेरु इशिबा के साथ वार्षिक शिखर बैठक करेंगे और फिर चीन के तियानजिन में एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां शी जिनपिंग, पुतिन और शहबाज शरीफ भी मौजूद रहेंगे. इस दौरे का मकसद जापान और चीन के साथ रिश्तों को नई मजबूती देना और वैश्विक व्यापार तनाव के बीच भारत की कूटनीतिक स्थिति मजबूत करना है.;
PM Modi Japan China Visit Importance in Global Politics: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक अहम विदेशी दौरे पर रवाना हो रहे हैं. इस दौरान वे पहले जापान और फिर चीन का दौरा करेंगे. इस यात्रा को भारत के लिए एशियाई देशों के साथ रिश्ते मज़बूत करने और वैश्विक तनाव के बीच नई रणनीति बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
जापान दौरा (28-30 अगस्त)
पीएम मोदी 28 अगस्त की शाम जापान रवाना होंगे और 30 अगस्त तक वहीं रहेंगे. यहां उनकी जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ 15वीं भारत-जापान वार्षिक शिखर वार्ता होगी. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि यह यात्रा विशेष है, क्योंकि लगभग सात साल बाद पीएम मोदी का जापान का स्टैंडअलोन दौरा होगा. दोनों नेता क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करेंगे और आपसी संबंधों में 'अधिक लचीलापन' लाने के लिए नई पहल शुरू करेंगे.
चीन दौरा और SCO शिखर सम्मेलन
जापान के बाद पीएम मोदी चीन के तियानजिन पहुंचेंगे, जहां 31 अगस्त से 1 सितंबर तक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का 25वां शिखर सम्मेलन होगा. इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ भी शामिल होंगे. यह पहला अवसर होगा जब मई में भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के बाद पीएम मोदी और शहबाज़ शरीफ़ आमने-सामने होंगे.
पुतिन से मुलाकात पर सस्पेंस
क्या पीएम मोदी और पुतिन की अलग से मुलाकात होगी? इस सवाल पर विदेश सचिव मिश्री ने कहा कि बैठकें अभी तय हो रही हैं. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जैसे-जैसे कार्यक्रम फाइनल होंगे, मीडिया को जानकारी दी जाएगी.
ट्रंप का टैरिफ प्रहार
यह पूरा दौरा उस समय हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने "अमेरिका फर्स्ट" एजेंडे के तहत भारत और चीन समेत कई देशों पर भारी टैरिफ लगा दिए हैं. भारत पर पहले से लागू 25% टैरिफ को रूस से सस्ता तेल खरीदने की वजह से दोगुना कर 50% कर दिया गया है. इससे भारतीय निर्यातकों पर सीधा असर पड़ा है. चीन भी इसी तरह के टैरिफ झेल रहा है.
भारत-चीन रिश्तों में नई शुरुआत?
भारत और चीन के बीच रिश्तों को सुधारने की कोशिश में, पांच साल बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर शुरू करने पर चर्चा हो रही है. साथ ही हिमालयी मार्गों पर सीमा पार व्यापार खोलने और व्यापारिक बाधाएं कम करने की संभावना भी तलाश की जा रही है.