'आज अगर वो यहां होते तो...' वडोदरा में PM मोदी ने रतन टाटा को याद कर कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स कार्यक्रम में उद्धघाटन करने पहुंचे हैं. इस दौरान उनके साथ स्पेन के PM पेड्रो सांचेज़ भी मौजूद है. इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान रतन टाटा को याद किया और कहा कि अगर रतन टाटा आज हमारे बीच होते तो इस पल को देखकर बहुत खुश होते.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
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इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज़ के साथ टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्धघाटन करने वडोडरा पहुंचे हैं. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान पीएम ने रतन टाटा को याद किया और इच्छा जताई कि वह भारतीय रक्षा क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण कदम को देखने के लिए आज यहां होने की इच्छा जताई

कार्यक्रम में अपने भाषण को शुरू करते हुए पीएम ने रतन टाटा को याद करते हुए शुरुआत की और कहा कि कुछ दिन पहले ही हमनें भारत के महान सपूत रतन टाटा को खो दिया है. उन्होंने कहा कि आज अगर वो हमारे बीच होते तो इस पल को देखकर बहुत खुश होते. मोदी ने कहा कि लेकिन आज वह जहां कहीं भी होंगे इस पलों को देखकर अच्छा महसूस कर रहे होंगे. पीएम बोले C295 एयरक्राफ्ट नए भारत की नई कार्य संस्कृति का प्रतीक है.

भारत-स्पेन के संबंधों को दी नई दिशा

अपने भाषण में उन्होंने आगे कहा कि ये प्रोजेक्ट भारत और स्पेन के रिश्तों को मजबूत करने के लिए एक नई दिशा देती है. मोदी बोले कि ये सिर्फ दोनों देशों के रिश्तों को ही नहीं बल्कि मेक इंन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड मिशन को भी मजबूत बनाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि आज भारत का डिफेंस सेक्टर एक नई ऊंचाईयों को छू रहा है.अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रक्षा क्षेत्र में बदलाव एक सही योजना और सही साझेदारी का एक उदहारण है. पिछले दशक में देश ने कई ऐसे फैसले लिए हैं जिससे भारत में एक जीवंत रक्षा उद्योग का विकास हुआ है.

यहां जानें TASL सुविधा के बारे में

वडोदरा में सांचेज और पीएम मोदी संयुक्त रूप से टीएएस (TAS) द्वारा C-295 विमान निर्माण के लिए परिसर का उद्घाटन करेंगे. बता दें कि यह भारत में सेना के विमानों के लिए लिए निजी क्षेत्र की पहली अंतिम असेंबली लाइन है. वहीं एक समझौते के तहत 40 एयरक्राफ्ट वडोडरा में तैयार किए जाने वाले हैं. यह सुविधा भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली अंतिम असेंबली लाइन (एफएएल) होगी.

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