पाकिस्तान ने कराया दिल्ली ब्लास्ट! मसूद अजहर–हाफिज सईद ने 5 महीने पहले ही बना लिया था प्लान, पाक पत्रकार का चौंकाने वाला दावा
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में बड़ा मोड़ आया है. मई 2025 के एक पुराने पाकिस्तानी वीडियो में दावा किया गया था कि मसूद अजहर और हाफिज सईद भारत में स्लीपर सेल्स को सक्रिय कर चुके हैं. ISI से जुड़े माने जाने वाले पत्रकार जावेद चौधरी ने महीनों पहले कहा था कि भारत में बड़े आतंकी हमले होंगे. अब धमाके के बाद उनका बयान सवालों को और गहरा कर रहा है. क्या यह हमला पहले से प्लान था? क्या पाकिस्तान ने अपने नेटवर्क को फ्री हैंड दे रखा है? पूरी रिपोर्ट जानें.;
दिल्ली ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कहानी उतनी ही खतरनाक होती जा रही है. भारतीय एजेंसियों के सामने अब सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि सीमापार बैठे आतंकियों की एक पुरानी और सोची–समझी रणनीति उजागर हो रही है. यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान आतंकी संगठनों का इस्तेमाल अपने भू-राजनीतिक एजेंडा साधने के लिए करता दिखा है लेकिन इस बार सबूतों के साथ सामने आया है कि हमला केवल प्लान नहीं था, इसे महीनों पहले ही सार्वजनिक संकेतों के जरिए पहले ही बता दिया गया था.
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस दिन दिल्ली में धमाका हुआ, उसके अगले ही दिन पाकिस्तान में भी एक विस्फोट हुआ जो शक को और गहरा कर देता है. पाकिस्तानी पत्रकारों, खासकर ISI से जुड़े माने जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार जावेद चौधरी के मई 2025 के एक बयान ने इस मंसूबे को पहले ही उजागर कर दिया था. उनका दावा था कि मसूद अजहर और हाफिज सईद भारत में अपने स्लीपर सेल्स को सक्रिय कर चुके हैं और भारत में बड़े हमले लगभग तय हैं. अब जब दिल्ली ब्लास्ट सामने आया, तो उनका पुराना बयान एक खतरनाक भविष्यवाणी की तरह सच होता दिख रहा है.
पाकिस्तान का 'डबल गेम'
पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को आतंकवाद का पीड़ित बताता है, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि वहां की राजनीतिक व्यवस्था, सेना और पत्रकारिता के एक बड़े वर्ग को ठीक-ठीक पता है कि आतंकी नेटवर्क उसकी “प्रॉक्सी वॉर मशीनरी” का हिस्सा हैं. दिल्ली ब्लास्ट के एक दिन बाद पाकिस्तान में हुआ विस्फोट इस बात की तरफ इशारा करता है कि इस कथित “काउंटर नैरेटिव” की स्क्रिप्ट पहले ही तैयार की गई थी, ताकि भारत में होने वाले हमले को घरेलू हिंसा जैसा दिखाकर उसका असर कम किया जा सके.
5 महीने पहले की चेतावनी
भारतीय जांच एजेंसियां जैसे ही दिल्ली धमाके के तार जोड़ना शुरू करती हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मई 2025 का एक इंटरव्यू फिर से चर्चा में है. इसमें पाकिस्तानी पत्रकार जावेद चौधरी साफ शब्दों में कहते हैं कि भारत में जल्द ही हमले होंगे. उनका दावा था कि मसूद अजहर और हाफिज सईद ने बदले की कार्रवाई के लिए अपने स्लीपर सेल्स को खुली छूट दे दी है. यह बयान अब चौंकाता है, क्योंकि यह किसी विश्लेषण से ज्यादा, एक पूर्व जानकारी जैसा लगता है.
OP सिंदूर के बाद मसूद अजहर को हुआ नुकसान
जावेद चौधरी का हवाला बताते हुए कहा गया कि भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों को खत्म करने के बाद मसूद अजहर को बड़ी क्षति पहुंची थी. इसके बाद उसने भारत में हमले की खुली मंजूरी दे दी. वीडियो में यह संकेत साफ है कि स्लीपर सेल्स पहले से तैयार थे सिर्फ आदेश का इंतजार कर रहे थे. मई 2025 का वीडियो यह साबित करता है कि दिल्ली ब्लास्ट किसी अचानक फैसले का नतीजा नहीं, बल्कि महीनों पहले रचे गए प्लान का हिस्सा था.
स्लीपर सेल्स थे एक्टिव
वीडियो में कहा गया है कि मसूद अजहर और हाफिज सईद के कई स्लीपर सेल भारत में पहले से इंस्टॉल थे. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पार बैठे ये आतंकी संगठन इनसे “क्लीन ऑपरेशन” करवाने की क्षमता रखते हैं ताकि हमले का सीधा लिंक पाकिस्तान तक न पहुंचे. दिल्ली ब्लास्ट में मिले हाई-ग्रेड विस्फोटक, प्रोफेशनल सेटअप और हमलावर की मूवमेंट इस बात का संकेत हैं कि यह काम किसी प्रशिक्षित और पहले से मौजूद नेटवर्क ने किया.
आतंकी नेटवर्क को मिली फ्री हैंड
वीडियो में जावेद चौधरी यह कहते हैं कि पाकिस्तान ने अब तक मसूद अजहर और हाफिज सईद के अंदरूनी नेटवर्क को नियंत्रण में रखा हुआ था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह नियंत्रण हट चुका है. उनका दावा है कि अब दोनों को पूरी छूट मिल गई है कि वे भारत में हमले करा सकें. यानी पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए यह एक आधिकारिक “ग्रीन सिग्नल” जैसा था जिसका परिणाम अब दिल्ली में दिखा.
पाक में “हीरो” की तरह पेश करने की कोशिश
वीडियो का सबसे खतरनाक पहलू यह था कि जावेद चौधरी जिस लहजे में बात कर रहे थे, उसमें मसूद अजहर और हाफिज सईद को “धार्मिक योद्धाओं” की तरह glorify किया जा रहा था. वे कहते हैं कि मसूद के "फिदायीन" जान देने के लिए तैयार रहते हैं और उसकी पकड़ गहरी है. यह बयान साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान की एक बड़ी आबादी और मीडिया का हिस्सा अब भी इन आतंकी आकाओं को “राष्ट्रीय संपत्ति” मानकर देखता है, जो भारत के लिए लगातार खतरा बनते जा रहे हैं.