Pahalgam Terror Attack: मोदी सऊदी में वेंस भारत में, 25 साल पहले क्लिंटन भारत आए तो 35, अब पहलगाम में 26 कत्ल, इत्तिफाक कैसे?

पहलगाम हमले के लिए आतंकियों ने जो समय चुना है वो कई सवाल खड़े करता है. ऐसे समय जब पीएम मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे और दूसरी और अमेरिका के उपराष्‍ट्रपति जेडी वेंस पूरे परिवार के साथ भारत दौरे पर हैं, आतंकियों ने ऐसी हिमाकत की है. 25 साल पहले भी जब तत्‍कालीन अमेरिकी राष्‍ट्रपति भारत आ रहे थे तो आतंकियों ने खूनी खेल खेला था.;

By :  संजीव चौहान
Updated On : 23 April 2025 1:02 PM IST

मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम में हुआ “अमंगल”, भारत से लेकर अमेरिका-ब्रिटेन तक किसी के लिए भी ‘मंगल’ का द्योतक तो नहीं कहा जा सकता है. न ही यह कह सकते हैं कि पहलगाम का ‘मिनी स्विजरलैंड’ समझी जाने वाले पर्यटन स्थल ‘बैसारन घाटी’ में जो कुछ हुआ, वह सब अचानक हो गया. पूछिए कैसे यह सब इत्तिफाक न होकर सोचा-समझा “षडयंत्र” है? तो समझिए अब से 25 साल पहले यानी सन् 2000 में जब अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन (Ex President of America Bill Clinton) भारत यात्रा पर पहुंचे. तो उसी दौरान दक्षिण-कश्मीर के छत्तीसिंहपुरा (2000 Chittisinghpura Massacre ) में 35 सिखों को कत्ल कर डाला गया था.

मंगलवार को जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे. वहीं दूसरी ओर अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance Vice President) सपरिवार भारत यात्रा पर थे. तभी मंगलवार यानी मनहूस 22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में निर्दोषों के ऊपर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. निहत्थों के ऊपर आंख मूंदकर क्लोज रेंज से अंधाधुंध चलाई गई गोलियों की चपेट में आने से, 28 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा बुरी तरह से जख्मी हो गए. 25 साल पहले अमेरिका राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत में मौजूदगी में, 35 सिखों सहित इसी कश्मीर घाटी में 49 लोगों को कत्ल करा डाला गया था.

लाइन में खड़ा करके 35 सिख भून डाले

25 साल पहले साल 2000 के मार्च और अप्रैल महीने के दो अलग-अलग दिनों में वो नरसंहार, जम्मू कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपुरा गांव में (पथरीबल और बाराकपोरा) इलाके में अंजाम दिया गया था. उस दौरान पहला कत्ल-ए-आम 20 मार्च 2000 को और दूसरा 3 अप्रैल 2000 को किया गया था. 20 मार्च 2000 को हुए पहले कत्ल-ए-आम में 15-20 हथियारमंदों ने गांव के गुरुद्वारे में सबको लाइन लगाकर खड़ा कर दिया. वे सब सिख समुदाय के थे. उनकी संख्या 35 थी. हथियारबंद आतंकवादियों ने उन सभी 35 सिखों को लाइन में खड़ा करने के बाद गोलियों से भून डाला था.

उस लोमहर्षक खूनी कांड में कई अन्य बेकसूर गोलियां लगने से बुरी तरह जख्मी हो गए थे. बाद में उस गोलीकांड में जिंदा बचे नानक सिंह ने खूनी मंजर बयान किया. तो दुनिया की रूह कांप गई. वो नरसंहार लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Toiba) के आतंकवादी सियालकोट, पाकिस्तान के रहने वाले मोहम्मद सुहेल मलिक ने अंजाम दिया था. जोकि हाफिज मुहम्मद सईद (Terrorist Hafiz Muhammad Saeed Sialkot Pakistan) का चचेरा भाई था.

अमेरिकी उप-राष्ट्रपति के भारत आते ही 26 कत्ल

अमेरिका के नव-निर्वाचित उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस जब सपरिवार भारत-यात्रा पर हैं, और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर सऊदी अरब गए हुए हैं. तभी पहले से ताड़ में बैठे पाकिस्तान ने मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को कश्मीर घाटी के पहलगाम जिले में मौजूद, खूबसूरत पर्यटन स्थल ‘बैसरन’ घाटी को खून से रंगवा डाला. बेकसूर पर्यटकों के साथ आतंकवादियों द्वारा खेली गई इस खूनी होली में मरने वाले 26 बदनसीबों में 2 विदेशी पर्यटक और दो स्थानीय नागरिक बताए जाते है. दोपहर तीन बजे हुए इस लोहमर्षक खूनी कांड की जिम्मेदारी पाकिस्तानी फौज के टुकड़ों पर पल रहे, पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba LET) के मुखौटा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ’ (TRF) ने जिम्मेदारी ली है.

पहलगाम की आतंकी घटना से हैरान अमेरिका

अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी उष चिलुकुरी ने घटना पर दुख व्यक्त किया. कहा कि, “आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोषों और उनके परिवारों के प्रति हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. पिछले कुछ दिनों से हम भारत की खूबसूरती से अभिभूत हैं. मगर इस खौफनाक आतंकवादी हमले के वक्त हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके आश्रितों के प्रति हैं.” 25 साल पहले यानी साल 2000 में भारत आए अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान कश्मीर में जो 35 सिख मारे गए, तब और मंगलवार को पहलगाम में घटी घटना में एक बात समान है. उस खूनी रात भी आतंकवादी पुलिस और फौज की ड्रेस में सिखों को मारने पहुंचे थे. मंगलवार को पहलगाम में दिन दहाड़े हुए कत्ल-ए-आम में शामिल आतंकवादी भी, स्थानीय पुलिस की यूनिफार्म पहने हुए थे. बिल क्लिंटन उस 35 सिखों के नरसंहार के अगले ही दिन भारत पहुंचे थे.

प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्रा पर तब हमला

मंगलवार को अंजाम दिए गए खूनी हमले की योजना दस पांच दिन की योजना का परिणाम कतई नहीं है. इसे अंजाम देने के लिए दिन तारीख वक्त सब पहले से तय था. मतलब हमला तब किया जाए जब भारत के प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्रा पर सऊदी अरब पहुंच चुके हों. और अमेरिका के उप-राष्ट्रपति का परिवार भारत की यात्रा पर आ चुका हो. ताकि हमले की दिल दहलाती गूंज अमेरिका के कानों तक भी पहुंच सके. और भारत इस विपत्ति की स्थिति में प्रधानमंत्री की गैर-मौजूदगी में संभल भी न सके. एक पैनी नजर से देखें तो पुलवामा में साल 2019 में हुए आतंकवादी हमले के बाद से, अब तक मंगलवार को पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला सबसे बड़ा और भारत के लिए भारी आतंकवादी हमला है.

हांलाकि यह भी यहां बताना जरूरी है कि केंद्र में साल 2014 में जब से भारतीय जनता पार्टी की मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी है. तब से कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि, प्रधानमंत्री को देश में हुए किसी आतंकवादी हमले के चलते अपनी विदेश यात्रा बीच में ही छोड़कर देश लौटना पड़ा हो. इससे भारत और दुनिया भर के लोग उम्मीद लगा रहे हैं कि, शायद इस हमले का जवाब बहुत ही जल्द पाकिस्तान को दे दिया जाए!

कुल जमा मंगलवार को कश्मीर घाटी के पहलगाम में हुए ‘अमंगल’ को हल्के में तो कोई नहीं ले सकता है. विशेषकर भारत तो तब और भी जब, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सऊदी अरब की यात्रा को बीच में ही छोड़कर, वापिस हमवतन लौट रहे हों तब.

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