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28 पर्यटकों की जान लेने वाला TRF कौन है, कश्मीर में क्‍या है इसका खूनी एजेंडा?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन TRF (The Resistance Front) का हाथ माना जा रहा है. TRF को लश्कर-ए-तैयबा का नया चेहरा बताया गया है, जिसे अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने खड़ा किया. हमले में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है.

28 पर्यटकों की जान लेने वाला TRF कौन है, कश्मीर में क्‍या है इसका खूनी एजेंडा?
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 23 April 2025 1:03 AM

पर्यटन की जन्नत कहे जाने वाले पहलगाम के बैसारन में जो कुछ हुआ, उसने कश्मीर की शांति पर एक बार फिर खून के छींटे डाल दिए. मंगलवार को हुए बर्बर आतंकी हमले में 28 मासूमों की जान गई, और सबसे शर्मनाक बात यह कि इन हमलों के पीछे फिर से पाकिस्तान की परछाई नजर आ रही है. शुरुआती जांच और खुफिया इनपुट में साफ इशारा मिला है कि हमले को अंजाम दिया है The Resistance Front (TRF) ने- जो लश्कर-ए-तैयबा का ही दूसरा नाम है.

TRF: पाकिस्तान का नया आतंकी औजार

TRF कोई आम संगठन नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सेना और ISI की एक और चाल है. जब 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाया गया और भारत ने कश्मीर को पूर्ण रूप से अपने संविधान के अधीन लाने का काम किया, तभी पाकिस्तान ने TRF को लॉन्च किया. ताकि आतंक को ‘स्थानीय संघर्ष’ की शक्ल दी जा सके. यह संगठन लश्कर और हिजबुल जैसे खूंखार गुटों के पुराने आतंकियों को एकजुट कर डिजिटल जिहाद और स्थानीय दहशत की नई स्क्रिप्ट पर काम करता है.

इसका सरगना शेख साजिद गुल है. जो पाकिस्तान की सरहद के भीतर बैठकर भारत में मौत का कारोबार चला रहा है. भारत ने 2022 में ही उसे आधिकारिक तौर पर आतंकवादी घोषित किया था, लेकिन पाकिस्तान अब भी उसे शरण और समर्थन दे रहा है.

धमकी के पीछे की घिनौनी सोच

हमले के बाद TRF की ओर से एक मैसेज वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि 85,000 से अधिक डोमिसाइल गैर-कश्मीरी लोगों को जारी किए जा चुके हैं, और वे कश्मीर की जमीन हड़प रहे हैं. TRF ने चेतावनी दी है कि अब टूरिस्टों को निशाना बनाया जाएगा. यह धमकी बताती है कि पाकिस्तान अब सीधे जनसांख्यिकीय बदलाव के बहाने आम नागरिकों की हत्या को जस्टिफाई कर रहा है. सवाल ये उठता है, क्या पाकिस्तान अब टूरिज्म को भी आतंक की प्रयोगशाला बनाना चाहता है?

2023 में बैन, फिर भी पाकिस्तान की सरपरस्ती जारी

भारत सरकार ने जनवरी 2023 में TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किया और UAPA के तहत इस पर बैन लगाया. बावजूद इसके, TRF पाकिस्तान की धरती से न केवल जिंदा है बल्कि और ज्यादा खतरनाक हो चुका है. सोशल मीडिया, ड्रग्स, हथियार, टारगेट किलिंग-TRF हर मोर्चे पर भारत को अस्थिर करने में लगा है, और इसके पीछे का मास्टरमाइंड है—पाकिस्तान.

TRF के खौफनाक अतीत की झलक

जून 2025 - पहलगाम हमला: टूरिस्टों को निशाना बनाकर अब तक का सबसे बड़ा हमला

अक्टूबर 2024 - गांदरबल हमला: डॉक्टर और 6 प्रवासी मजदूरों की हत्या

अप्रैल 2020 - केरन सेक्टर: 5 पैरा कमांडो शहीद

हर हमले में पैटर्न एक ही है-भारत को भीतर से तोड़ने की कोशिश, और कश्मीर की छवि को बदनाम करने की साजिश.

पाकिस्तान को दुनिया कब घेरना शुरू करेगी?

अब सवाल ये है- आखिर कब तक पाकिस्तान आतंकियों को पालता रहेगा? कब तक कश्मीर में बेकसूर जानें जाती रहेंगी? TRF जैसे संगठनों को खत्म करने के लिए सिर्फ भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा। वरना ये आग सिर्फ कश्मीर तक नहीं रुकेगी.

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