पहलगाम में 'ऑपरेशन क्लीन अप' शुरू, आतंकी हमले के दोनों स्लीपर सेल के ठिकाने तबाह; एक को बम से उड़ाया, दूसरे को बुलडोजर से ढाया

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कड़ी कार्रवाई शुरू की है. त्राल में आतंकी आसिफ का घर विस्फोट में उड़ाया गया, जबकि बिजबेहरा में आदिल का मकान बुलडोजर से ध्वस्त किया गया. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े इन आतंकियों पर हिंदू पर्यटकों की हत्या का आरोप है. सेना, एनआईए और पुलिस मिलकर घाटी को आतंक मुक्त बनाने के अभियान में जुटे हैं.;

Curated By :  नवनीत कुमार
Updated On : 25 April 2025 9:38 AM IST

22 अप्रैल के खूनी पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़े पैमाने पर आतंक विरोधी अभियान छेड़ दिया है. सेना, एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में आतंकियों के ठिकानों को चिन्हित कर एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई की जा रही है.

त्राल के जिस घर में आतंकी आसिफ शेख ने अपना गढ़ बना रखा था, वहां विस्फोटकों के भंडार में ब्लास्ट हुआ. वहीं बिजबेहरा में स्थानीय आतंकी आदिल थोकर के घर को बुलडोजर से ढहा दिया गया. ये दोनों आतंकी पहलगाम में पर्यटकों पर किए गए नरसंहार में शामिल थे. इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों का भी मौन समर्थन मिल रहा है.

सोशल मीडिया से पहचान, वीडियो ने खोली पोल

हमले के तुरंत बाद वायरल हुए वीडियो में आसिफ और आदिल को हथियारों से लैस देखा गया, जिसमें वे सीधे कैमरे में सुरक्षा बलों को चुनौती दे रहे थे. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े इन आतंकियों की पहचान उसी वीडियो फुटेज से हुई. इसके बाद इलाके में बड़े पैमाने पर छानबीन शुरू की गई.

सेना, एनआईए, पुलिस: तीन मोर्चों से शिकंजा

एनआईए ने जांच की बागडोर संभाली है, वहीं सेना ने बैसरन घाटी और आस-पास के इलाकों में मोर्चा संभाल लिया है. पुलिस ने अब तक करीब 2000 लोगों से पूछताछ की है और दर्जनों को हिरासत में लिया है.पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद है.

ट्रेनिंग पाकिस्तान में, निशाना हिंदू पर्यटक

सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, आदिल थोकर ने 2018 में पाकिस्तान जाकर आतंकी ट्रेनिंग ली थी. हमले में आतंकियों ने बॉडी कैमरा लगाए थे और AK-47 से लैस थे. पर्यटकों से नाम पूछकर धर्म की पहचान की गई और विशेष रूप से हिंदू यात्रियों को गोलियों से छलनी कर दिया गया.

द रेजिस्टेंस फ्रंट की जिम्मेदारी

हालांकि हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है, लेकिन एजेंसियों का मानना है कि यह लश्कर-ए-तैयबा का छद्म चेहरा है, जिसका इस्तेमाल हमलों को ‘स्थानीय विद्रोह’ की शक्ल देने के लिए किया जाता है. पश्तो में बातचीत करते आतंकियों के सुर सुनकर यह भी संकेत मिला है कि कुछ आतंकी सीमा पार से आए थे.

मोदी की यात्रा के दौरान हमला करने की थी मंशा

सूत्रों के अनुसार आतंकियों की असल योजना 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कटरा यात्रा के दौरान हमला करने की थी, लेकिन किन्हीं कारणों से उस योजना को टाल दिया गया. इसके बजाय उन्होंने घाटी में छुट्टियां मना रहे निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें बिहार के इंटेलिजेंस ब्यूरो अधिकारी भी शहीद हुए.

पहलगाम के ‘मैगी पॉइंट’ पर बरसी मौत

जिस जगह हमला हुआ, वह 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाला बैसरन वैली का हिस्सा है, जिसे पर्यटक 'मैगी पॉइंट' भी कहते हैं. इस खूबसूरत मैदान में मौत ने नाच किया और अब वही घाटी सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की जमीन बन गई है. स्थानीय लोगों का समर्थन भी सुरक्षा बलों के साथ है, और घाटी से आतंक को जड़ से खत्म करने की मांग अब बुलंद हो रही है.

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