'मेरी जान को खतरा', विकास यादव ने कोर्ट से मांगी सुरक्षा, 3 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

विकास यादव, जो खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं, ने दिल्ली की अदालत से सुरक्षा के खतरे का हवाला देते हुए सुनवाई से छूट की मांग की. यादव ने दावा किया कि उनकी तस्वीरें, पता और अन्य निजी विवरण सार्वजनिक डोमेन में आ गए हैं, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है. इस पर अदालत ने उनके आवेदन को मंजूरी देते हुए उन्हें 3 फरवरी 2025 को अगली सुनवाई के लिए पेश होने का आदेश दिया.;

विकास यादव के खिलाफ खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने के आरोपों को लेकर अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा उठाए गए कदमों के बाद दिल्ली की अदालत में एक नया मोड़ आया है. यादव ने अदालत से सुरक्षा का खतरा बताते हुए मामले की सुनवाई में शामिल होने से छूट देने की मांग की है, जिसमें कोर्ट ने शनिवार को छूट दे दी है और फिर से तीन फरवरी को पेश होने को कहा है.

बीते नवंबर महीने में अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) के दस्तावेजों में सीसी -1 सह साजिशकर्ता के रूप में उल्लेख किए जाने के तीन सप्ताह से भी कम समय बाद, 18 दिसंबर, 2023 को यादव को दिल्ली पुलिस द्वारा अपहरण और जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विकास यादव को तिहाड़ जेल में चार महीने के बाद यानी अप्रैल 2024 में रिहा कर दिया गया था. 18 अक्टूबर को, एफबीआई के न्यूयॉर्क कार्यालय ने उसे अपनी वांछित सूची में डाल दिया.

विकास यादव ने अदालत से मांगी सुरक्षा

अभियोग ने आरोप लगाया गया था कि यादव को भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय जो भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय का एक हिस्सा द्वारा नियुक्त किया गया था. इस बार में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वह व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है. इसके बाद विकास यादव के वकील के द्वारा दायर किया गया कि जिसमें यादव ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज किया है. उन्होंने आगे दावा किया कि उनके जीवन को सुरक्षा का खतरा है क्योंकि उनकी तस्वीरें, तस्वीरों के साथ घर का पता और उनके ठिकाने का विवरण सार्वजनिक डोमेन में है.

विकास यादव को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?

शनिवार को विकाश यादव का आवेदन दिल्ली की एक कोर्ट के समक्ष सूचीबध्द किया गया था और कोर्ट ने उनके अनुरोध को मंजूरी दे दी है. लेकिन उन्हें 3 फरवरी 2025 को अगली सुनवाई के लिए पेश होने को कहा है. संपर्क करने पर, यादव के वकील हांडू ने आवेदन दाखिल करने की पुष्टि की. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, “उनके जीवन को सुरक्षा का ख़तरा है और हमने अदालत की सुनवाई से छूट के लिए एक आवेदन दायर किया है. अदालत ने उनके अनुरोध को मंजूरी दे दी है और उन्हें छूट दे दी है.'

विकास यादव को जमानत देते हुए ASJ ने कहा कि जांच पूरी हो गई है और उनसे आगे हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है. “…आवेदक/अभियुक्त के भागने का जोखिम नहीं है; गवाह पर किसी भी तरह की धमकी या प्रभाव डालने का कोई आरोप नहीं है. विकास यादव को एक जमानतदार के साथ 30,000 रुपये की राशि का जमानत बांड प्रस्तुत करने पर जमानत दी जाती है. अदालत ने कहा कि जमानत इस शर्त पर है कि आरोपी को पुलिस को एक सक्रिय फोन नंबर देना होगा; अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ें; और अपना पासपोर्ट सरेंडर कर देना चाहिए.

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