दुनिया झुकती है, झुकाने वाला चाहिए... नितिन गडकरी का किस ओर है इशारा? कहा- ‘दादागिरी’ का असली हथियार पैसा और टेक्नोलॉजी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में कहा कि दुनिया में जो देश 'दादागिरी' कर रहे हैं, उनकी ताकत मजबूत अर्थव्यवस्था और तकनीक है. उन्होंने भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए निर्यात बढ़ाने और आयात घटाने पर जोर दिया. यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका ने रूस से तेल आयात जारी रखने पर भारत के उत्पादों पर टैरिफ 50% कर दिया है. भारत ने अपने ऊर्जा आयात का बचाव करते हुए अमेरिका पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और याद दिलाया कि अमेरिका अब भी रूस से यूरेनियम, पैलेडियम, खाद और रसायन खरीद रहा है.;

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Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 10 Aug 2025 10:01 PM IST

Nitin Gadkari, US Tariffs on India: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर में कहा कि आज की दुनिया में जो देश 'दादागिरी' कर रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर पा रहे हैं, क्योंकि वे आर्थिक रूप से मज़बूत हैं और उनके पास उन्नत तकनीक है. विश्वेश्वरैया नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VNIT) में आयोजित एक व्याख्यान में उन्होंने भारत के निर्यात बढ़ाने और आयात घटाने पर जोर दिया.

गडकरी ने कहा, “अगर हमारी निर्यात दर और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तो हमें किसी के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. जो दादागिरी कर रहे हैं, वे आर्थिक रूप से ताकतवर और तकनीकी रूप से उन्नत हैं. अगर हमारे पास बेहतर तकनीक और संसाधन होंगे, तो हम किसी पर दबाव नहीं डालेंगे, क्योंकि हमारी संस्कृति हमें ‘विश्व कल्याण’ की सीख देती है.”

भारत को ‘विश्वगुरु’ बनना है तो उसे निर्यात बढ़ाना और आयात कम करना होगा: गडकरी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज दुनिया कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है और इनका समाधान विज्ञान, तकनीक और ज्ञान में है, जो असली शक्ति है. गडकरी ने स्पष्ट किया कि अगर भारत को ‘विश्वगुरु’ बनना है तो उसे निर्यात बढ़ाना और आयात कम करना होगा. उन्होंने कहा कि दुनिया झुकती है, झुकाने वाला चाहिए.  यह हमारे देश की महत्वपूर्ण बात है.

ट्रंप ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ

गडकरी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ा है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले आयात पर अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क लगाने का ऐलान किया, जिससे कुल ड्यूटी 50 फीसदी हो गई. यह फैसला भारत के रूस से तेल आयात जारी रखने के कारण लिया गया.

ट्रंप ने भारत और रूस के व्यापारिक व ऊर्जा संबंधों को लेकर जताई नाराज़गी

पिछले कुछ दिनों से ट्रंप ने भारत और रूस के व्यापारिक व ऊर्जा संबंधों को लेकर नाराज़गी जताई है और नई दिल्ली पर रूसी तेल खरीद घटाने का दबाव डाला है. भारत ने अपने रूसी ऊर्जा आयात का बचाव करते हुए कहा है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ, नई दिल्ली को निशाना बना रहे हैं, जबकि अन्य देश भी रूस से ऊर्जा खरीद रहे हैं और उन पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई. भारत ने यह भी याद दिलाया कि अमेरिका अब भी रूस से अपने परमाणु उद्योग के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, ईवी उद्योग के लिए पैलेडियम, और खाद व रसायन का आयात कर रहा है.

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