मुश्किल में Nissan मोटर्स! कमाई में जबरदस्त गिरावट के बाद 9000 लोगों को नौकरी से निकाला

जापान की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो कंपनी निसान मोटर कॉर्प ने अपने ग्लोबल ऑपरेशन में बड़े बदलाव किया है. इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड व्हीकल के बढ़ते बाजार के दबाव ने पारंपरिक ऑटो निर्माताओं पर व्यापक प्रभाव डाला है.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
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जापान की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो कंपनी निसान मोटर कॉर्प ने अपने ग्लोबल ऑपरेशन में बड़े बदलाव किया है. इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड व्हीकल के बढ़ते बाजार के दबाव ने पारंपरिक ऑटो निर्माताओं पर व्यापक प्रभाव डाला है. निसान के इस कदम से कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को समझा जा सकता है. जापानी ऑटोमेकर 9,000 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जो कि उसके 1,33,000 का छह प्रतिशत बैठता है.

इसके अलावा कंपनी की अपने वैश्विक उत्पादन में 20 प्रतिशत की कटौती करने की योजना भी है. कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) मकोतो उचिदा ने कहा कि उन्होंने निराशाजनक नतीजों की जिम्मेदारी लेते हुए अपने वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती की है. साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि कंपनी की स्थिति में जल्द सुधार होगा.

द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, निसान के सीईओ की यह टिप्पणी दिखाती है कि कंपनी की वर्तमान स्थिति केवल बाहरी कारकों से नहीं, बल्कि आंतरिक रणनीतिक मुद्दों से भी प्रभावित है. चीनी वाहन निर्माताओं, जैसे BYD, की उभरती ताकत ने निसान और अन्य पारंपरिक ऑटो निर्माताओं के लिए बाजार में चुनौती बढ़ा दी है. चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के बीच, घरेलू कंपनियों ने तेज गति से विकास किया है और बाजार हिस्सेदारी में अपनी पकड़ मजबूत की है.

अमेरिकी बाजार में, हाइब्रिड वाहनों की लोकप्रियता ने टोयोटा जैसे प्रतिस्पर्धियों को लाभ पहुंचाया है, जबकि निसान समेत अन्य निर्माताओं को यूजर प्रीफरेंस में बदलावों के अनुकूल होने के लिए संघर्ष करना पड़ा है. इन चुनौतियों का सामना करते हुए, निसान को अपनी रणनीति में बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव लाने की आवश्यकता महसूस हुई है, ताकि वह ग्लोबल और विशेष रूप से चीनी और अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सके.

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