बैसरन से 10 किमी दूर छिपा था 26 की मौत का सामान! माथा पकड़े जांच एजेंसियां

पहलगाम हमले पर NIA मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने के लिए पूरी ताकत झोंक चुकी हैं. घटनास्थल के चप्पे-चप्पे की जांच की जा रही है, ताकि हमले की कड़ियों को जोड़ा जा सके. इसी बीच जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसने मामले को और भी गंभीर बना दिया है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 2 May 2025 11:32 AM IST

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस भयावह हमले के बाद जांच एजेंसियां पूरी तरह एक्शन मोड में आ चुकी हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और हर सुराग की गहराई से जांच की जा रही है. 

सूत्रों के हवाले से जो जानकारी सामने आई है, वह चौंकाने वाली है. इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तानी सेना की साजिश बताई जा रही है.

बैसरन से 10 किमी दूर छिपाए थे हथियार

जांच में खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने हमले से पहले हथियारों का जखीरा बेताब घाटी में छुपाया था. एक ऐसा इलाका जो घटना स्थल से लगभग 10 किलोमीटर दूर है. कोई अचानक उठाया गया कदम नहीं था. आतंकियों ने बेताब घाटी को बड़ी सोच-समझ के साथ चुना. उन्होंने पहले इलाके की बारीकी से रैकी की, रास्तों को पहचाना, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और फिर तय किया कि हथियार कहां और कैसे छुपाए जाएंगे.

बयान और 3D मैपिंग से जुटाए जा रहे सुराग

शुरुआती जांच रिपोर्ट में अब तक लगभग 150 लोगों के बयान रिकॉर्ड किए जा चुके हैं. ये बयान उस घटनाक्रम की एक-एक कड़ी को जोड़ने में मदद कर रहे हैं, जिसे आतंकियों ने बेहद सधे हुए अंदाज़ में अंजाम दिया था. इतना ही नहीं, हमले के समय की स्थिति को समझने और दोबारा खंगालने के लिए 3D मैपिंग और घटनास्थल का रिक्रिएशन भी किया गया है. इन तकनीकी रिपोर्ट्स को भी जांच के शुरुआती दस्तावेज़ों में शामिल किया गया है, ताकि एक भी सुराग छूट न जाए.

सामने आया नए आतंकी का नाम

जैसे-जैसे पहलगाम आतंकी हमले की जांच आगे बढ़ रही है, पर्दे के पीछे की कहानी धीरे-धीरे सामने आ रही है. एक ऐसी साजिश, जो सरहद पार लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर में बैठकर रची गई थी और जिसे अंजाम तक पहुंचाने की कमान मिली थी दो खतरनाक आतंकियों को हाशिम मूसा और अली भाई उर्फ तल्हा भाई.

 ISI के इशारे पर रची गई साजिश

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में इन दोनों आतंकियों की पूरी प्रोफाइल सामने रखी गई है. दोनों पाकिस्तान के नागरिक हैं और घटना से कई दिन पहले से अपने हैंडलरों के लगातार संपर्क में थे. जांच में यह भी साफ हुआ है कि ये आतंकी सिर्फ मैदान में उतरने वाले मोहरे थे. डोरें किसी और के हाथ में थीं. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि लश्कर के मुख्यालय में बैठकर ISI के इशारे पर इस हमले की पूरी साजिश तैयार की गई थी. कब, कहां और कैसे हमला करना है. हर बारीकी, हर योजना पाकिस्तान से तय हो रही थी. हाशिम मूसा और तल्हा भाई को सीधे-सीधे वहीं से कमांड मिल रहे थे.

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