सियासत में हाशिए पर नवाब मलिक, कहीं दाऊद कनेक्शन तो नहीं है वजह?

Nawab Malik-Dawood Ibrahim Connection: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच नवाब मलिक का दाऊद कनेक्‍शन एक बार फिर छाया हुआ है. बीजेपी उनकी उम्मीदवारी पर डॉन कनेक्शन को लेकर लगातार सवाल उठा रही है. आखिर में पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी है.;

Nawab Malik-Dawood Ibrahim Connection
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 24 Oct 2024 7:00 PM IST

Nawab Malik-Dawood Ibrahim Connection: महाराष्ट्र विधानसभा के बीच एक फिर से NCP (अजित पवार) नेता नवाब मलिक सुर्खियों में हैं. इस बार पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी है. उन्हें विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की खबर थी. हालांकि, उनकी बेटी सना मलिक की उम्मीदवारी बनी रहेगी. पार्टी नेतृत्व ने बैठक के दौरान ये फैसला लिया है. ऐसा लग रहा है कि सियासत गलियारों में अब मलिक साइड रोल में आ गए हैं. 2022 के आरोपों के बाद उनका राजनीतिक करियर लगातार लड़खड़ाता दिख रहा है.

मुंबई भाजपा अध्यक्ष शेलार ने कहा कि हम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े किसी व्यक्ति को टिकट देना स्वीकार नहीं करेंगे. राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक 2022 में  अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ कनेक्शन को लेकर मीडिया में छाए हुए थे और अब चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने इसे लेकर सवाल खड़े किए. यहां तक की सहयोगी पार्टी होने के बाद भी समर्थन देने से इनकार कर दिया है.

 प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और 1999 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन के साथ एक ज़मीन सौदे से जुड़े आतंकवादी फंडिंग में सक्रिय भागीदारी के मामले में हिरासत में भी लिया था.

मालिकों से जबरन हथियाया गया था जमीन

ईडी का दावा है कि दाऊद की बहन हसीना पारकर से नवाब मलिक के संबंध बनाए थे. नवाब मलिक ने कथित तौर पर 1999 में कुर्ला के गोवावाला परिसर में लगभग 3 एकड़ जमीन खरीदी थी और दाऊद की बहन हसीना पारकर को 1999 और 2005 के बीच 55 लाख रुपये नकद सहित 85 लाख रुपये का भुगतान किया था. इन संपत्ति को उनके मालिकों से हड़पा गया था, जिसमें दाऊद के सहयोगियों ने ही मदद की थी और उन्होंने मलिक को ये जमीन बेच दी थी. कई एंगल तो ये भी इशारा करते हैं कि नवाब के डॉन से सीधा कनेक्शन भी था.  

हसीना पारकर ने नवाब की तीन मुलाकात

जमीन के मूल मालिक मुनीरा प्लंबर से कथित तौर पर 1995 में हसीना पारकर ने अपने ड्राइवर सलीम पटेल के नाम पर जाली पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से हासिल कर लिया था. इस डील के लिए नवाब मलिक ने हसीना पारकर से तीन बार मुलाकात की थी. ईडी के मुताबिक, जमीन के मुल मालिक को बिक्री के बारे में 2021 में पता चला.

अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों से संपर्क का आरोप

ईडी ने अपने जांच के आधार पर बताया कि मलिक ने शुरुआत में 1995 में एक दुकान के जरिए जमीन के एक छोटे से हिस्से पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद उन्हें सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स के माध्यम से रखी गई संपत्ति पर एक गोदाम का किरायेदारी अधिकार मिला, जो मूल रूप से एक स्टील व्यवसायी कनुभाई एम पटेल का था. उन ये भी आरोप है कि उन्होंने मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों और 1993 के मुंबई सिलसिलेवार विस्फोटों में दोषी ठहराए गए लोगों के साथ संपत्ति का सौदा किया था. 

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