कसाब से भिड़ने वाले 26/11 के हीरो, महाराष्ट्र के DGP पद की रेस में सबसे आगे, कौन हैं IPS सदानंद दाते?

महाराष्ट्र के अगले DGP के तौर पर सदानंद दाते का नाम चर्चा में है. 26/11 मुंबई आतंकी हमले में कसाब से आमना-सामना करने वाले जांबाज IPS को लोग आज भी हीरो मानते हैं. महाराष्ट्र कैडर के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. 1 अप्रैल 2024 से राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक के रूप में कार्यरत दाते को केंद्र सरकार ने अब महाराष्ट्र कैडर में ट्रांसफर कर दिया है. यही वजह है कि वो डीजीपी पद के लिए चर्चा में हैं.;

( Image Source:  ANI )
Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 23 Dec 2025 12:36 PM IST

महाराष्ट्र पुलिस के नए डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) को लेकर अटकलें पिछले कुछ दिनों से तेज है. इस रेस में सबसे मजबूत दावेदार आईपीएस सदानंद दाते उभरकर सामने आए हैं. दाते वही आईपीएस अफसर हैं, जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दौरान आतंकवादी अजमल कसाब से सीधे मुकाबले में भिड़ गए थे. गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद आतंक के खिलाफ डटे रहे.

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सदानंद दाते बहादुरी, ईमानदार छवि और सख्त प्रशासनिक पकड़ की वजह से न सिर्फ पुलिस महकमे में बल्कि आम लोगों के बीच भी उन्हें खास सम्मान मिलता है. यही वजह है कि उनका नाम महाराष्ट्र के डीजीपी के रूप में मजबूती के साथ उभरकर सामने आया है.

कौन हैं सदानंद दाते?

सदानंद दाते 1990 बैच महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. कई संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण पदों पर अपने कर्तव्यों को निभा चुके हैं. केंद्र और राज्य, दोनों स्तर पर वह पुलिस सेवा में रहते हुए अहम पदों पर काम कर चुके हैं. सदानंद दाते को एक फील्ड ऑफिसर और स्ट्रैटजिक ऑपरेशन का मास्टरमाइंड अफसर माना जाता है.

26 नवंबर 2008 की रात जब मुंबई आतंक के साए में था, तब कामा अस्पताल के पास आतंकवादी अजमल कसाब से मुठभेड़ में सदानंद दाते गंभीर रूप से घायल हुए थे. गोली लगने के बावजूद आतंकियों का सामना बिना किसी निजी सुरक्षा चिंता के किया. यही मुठभेड़ उनकी पहचान बन गई. इस घटना उन्हें 26/11 का जिंदा हीरो बना दिया. 26/11/2008 को कामा अस्पताल में महिलाओं और बच्चों की जान बचाने के लिए दाते को राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया गया था.

IPS दाते एनआईए के अलावा नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF), स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) और पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ब्यूरो (BPRD) के अहम पदों पर रह चुके हैं?. इससे पहले दाते महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड के चीफ की भूमिका निभा चुके हैं.

 

लोग क्यों करते हैं सदानंद दाते को पसंद?

आईपीएस सदानंद दाते की लोगों में जमीनी अफसर की छवि है. दाते सिर्फ फाइलों तक सीमित अफसर नहीं माने जाते. वे मौके पर मौजूद रहकर फैसले लेने वाले अधिकारी रहे हैं. उन पर कभी भ्रष्टाचार या राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप नहीं लगा. यह गुण उन्हें अलग बनाता है.

सदानंद दाते पुलिस सेवा में आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस सोच वाले अधिकारी हैं. मुंबई जैसे संवेदनशील शहर में आतंक और अंडरवर्ल्ड से निपटने का उनके पास लंबा अनुभव है.

जवानों के बीच उनकी छवि एक ऐसे अफसर की है जो, अपने स्टाफ के साथ खड़ा रहता है. फैसलों की जिम्मेदारी खुद लेता है.

DGP पद के लिए मजबूत दावेदार कैसे?

वरिष्ठ आईपीएस अफसर, राष्ट्रीय स्तर की पहचान, संकट के समय नेतृत्व क्षमता और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य के लिए सख्त लेकिन संतुलित प्रशासनिक सोच रखने की काबिलियत की वजह से उन्हें डीजीपी पद के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा है. पुलिस सेवा के अफसरों का मानना है कि मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों के दौर में सदानंद दाते जैसा अफसर महाराष्ट्र पुलिस के लिए स्ट्रैटेजिक च्वाई हो सकता है.

यही वजह है कि केंद्र और राज्य, दोनों स्तर पर उनकी प्रोफाइल को गंभीरता से देखा जा रहा है. विपक्ष भी उनकी बहादुरी और प्रोफेशनलिज्म पर सवाल नहीं उठा पाए हैं.  

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