20 साल पहले आई सुनामी ने ले ली थी 2 लाख से ज्‍यादा जिंदगियां, भारत में इतने लोगों की हुई थी मौत

Tsunami 2004: आज से करीब 20 साल पहले आई सुनामी ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी. इससे 12 से अधिक देश प्रभावित हुए . दो लाख से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. आज इस आपदा की 20वीं वर्षगांठ हैं. उस समय बजे लोग आज भी इस घटना को याद कर सिहर उठते हैं. सुनामी से भारत में भी हजारों लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी थी. सबसे ज्यादा लोगों की मौत इंडोनेशिया में हुई थी.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 26 Dec 2024 8:12 AM IST

Tsunami 2004: 26 दिसंबर 2004... यह वह दिन है जिसे याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं... इसी दिन इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पश्चिमी तट पर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे हिंद महासागर में विशाल लहरें उठीं, जिससे श्रीलंका, भारत, थाइलैंड, इंडोनेशिया और हिंद महासागर बेसिक के आसपास के 9 अन्य देश प्रभावित हुए थे. सुनामी के चलते 12 से अधिक देशों में 2 लाख 20 हजार से अधिक लोग मारे गए थे. 

बताया जाता है कि सुबह के 8 बजे के करीब भूकंप के कारण सबसे लंबी फॉल्टलाइन टूट गई, जिससे सुनामी आ गई. इंडिया प्लेट और बर्मा माइक्रोप्लेट के बीच महासागर तल कम से कम 1200 किलोमीटर लंबाई में खुला हुआ था. इसमें 30 मीटर यानी 100 फीट से ज्यादा ऊंची लहरें उठ रही थीं. इससे 23 हजार हिरोशिमा परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा पैदा हुई, जिसने कई देशों में भयंकर विनाश किया.

9.1 तीव्रता का आया था भूकंप

शुरुआत में भूकंप की तीव्रता 8.8 दर्ज की गई थी. उसके बाद संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वे ने आधिकारिक तौर पर इसकी तीव्रता 9.1 और गहराई 30 किलोमीटर बताई. इसका केंद्र सुमात्रा तट से 150 मील दूर स्थित था. वैश्विक आपदा डेटाबेस ईएम-डीएमटी के मुताबिक, सुनामी की वजह से 2 लाख 26 हजार 408 लोग मारे गए थे. इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा 1 लाख 65 हजार 708 लोग मारे गए थे. इसमें से सुमात्रा में 1 लाख 20 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे.

भारत में 16 हजार से ज्यादा लोगों की हुई थी मौत

बताया जाता है कि हिंद महासागर से होते हुए लहरें 800 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चल रही हैं. यह बुलेट ट्रेन की गति से दोगुनी से भी अधिक है. विशाल लहरें हिंद महासागर से होते हुए कुछ घंटों बाद श्रीलंका, भारत और थाईलैंड तक पहुंच गईं. ईएम-डीएटी के अनुसार, श्रीलंका में 35 हजार से अधिक लोग मारे गए, जबकि भारत में 16389, थाईलैंड में 8345, सोमालिया में लगभग 300, मालदीव में 100 से अधिक, मलेशिया और म्यांमार में भी दर्जनों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.

15 लाख से लोग हुए विस्थापित

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सुनामी के कारण 15 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगभग 14 अरब डॉलर की आपदा राहत राशि देने का वादा किया गया. सुनामी की वजह से लाखों इमारतें नष्ट हो गईं. पुनर्निर्माण कार्य में तेजी से सबसे अधिक प्रभावित शहर बांदा आचे की कायापलट हो गई है.  इंडोनेशियाई सरकार के अनुसार, अकेले इंडोनेशिया के पश्चिमी प्रांत आचे में ही 1 लाख से अधिक घरों का पुनर्निर्माण किया गया.

हिंद महासागर में नहीं मौजूद थी कोई चेतावनी प्रणाली

सुनामी ने हिंद महासागर बेसिन के आसपास के तटीय देशों की तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए. भूकंप के समय हिंद महासागर में कोई चेतावनी प्रणाली मौजूद नहीं थी, लेकिन अब दुनिया में 1400 स्टेशन सुनामी लहर उठने के बाद चेतावनी का समय घटाकर मात्र कुछ मिनट कर देते हैं.  विशेषज्ञों का कहना है कि 2004 में समुचित समन्वित चेतावनी प्रणाली के अभाव के कारण आपदा का प्रभाव और भी अधिक गंभीर हो गया था. समुद्री वैज्ञानिकों का कहना है कि सुनामी चेतावनी प्रणालियों में लाखों डॉलर के निवेश के कारण हम पहले से कहीं अधिक तैयार हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि विनाशकारी सुनामी के प्रभाव को कभी भी पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता.

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