न्याय तो मिला लेकिन कर दी देरी, 2019 में हुआ था शख्स घायल; पांच साल बाद मिला इतना मुआवजा

ठाणे में आज से पांच साल पहले एक शख्स तेज रफ्तार कार की चपेट में आकर घायल हुआ था. बताया गया कि इस दौरान उन्हें गंभीर चोटें आई. इस पर व्यक्ति ने अपने इलाज के खर्चे को लेकर मुआवजे की मांग की थी. वहीं इस मामले में पांच सालों के बाद सुनवाई हुई. MACT की ओर से पांच सालों के बाद शख्स को 31 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया.;

( Image Source:  meta ai )
Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 9 Dec 2025 1:55 PM IST

ठाणे में साल 2019 को एक दुर्घटना के दौरान शख्स घायल हुआ था. बताया गया कि तेज स्पीड कार से टकराकर उसे काफी चोटें आई थीं. शख्स का दावा था कि इस घटना के कारण वह काम करने में असमर्थ हैं. जिसके कारण उन्होंने मुआवजे की मांग की. हालांकि उन्होंने मुआवजे की मांग तो की थी. लेकिन मुआवजा नहीं मिला था.

वहीं ताजा जानकारी के अनुसार 5 सालों के बाद जाकर शख्स को 31.39 लाख रुपये का मुआवजा मिला. इस मामले में मोटर वाहन अधिनियम प्रावधानों के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया था.

तेज स्पीड कार के कारण हुआ हादसा

दरअसल 2019 में 12 मार्च को 38 वर्षीय गोपीचंद के साथ यह हादसा घोड़बंदर रोड पर उस समय हुआ जब स्कूटर चला रहे थे. उसी दौरान तेज रफ्तार कार ने उनके स्कूटर को टक्कर मार दी थी. इस टक्कर के कारण उन्हें काफी गंभीर चोटें आई जिसमें वह घायल हो गए. हालांकि इस दौरान चालक मौके से फरार हो गया. वहीं आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और मोटर वाहन अधिनियम प्रावधानों के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है.

मिला मुआवजा लेकिन, हुई देरी

अब इस मामले में सुनवाई हुई. बताया गया कि जिस समय उनपर हमला हुआ उस दौरान उसकी सालाना इंकम 5 लाख रुपये थी. लेकिन हमले के दौरान उन्हें इतनी गंभीर चोटें आई कि इस हादसे के कारण उनका 40 प्रतिशत का हिस्सा प्रभावित हुआ. जिसके कारण उन्होंने मुआवजे की मांग की थी. वहीं पीड़ित शख्स को मुआवजा तो मिला लेकिन पांच साल बाद जाकर मिला. 12 नवंबर के अपने आदेश में, एसएन शाह के तहत एमएसीटी ने पाटिल को 31.39 लाख रुपये दिए, जिसमें भविष्य की आय के नुकसान के लिए 25.65 लाख रुपये और इलाज पर हुए खर्च के लिए 3.74 लाख रुपये शामिल थे.

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