'सूर्यास्त के बाद महिलाओं की गिरफ्तारी गलत नहीं', मद्रास हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

Madras High Court: मद्रास हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले महिलाओं की गिरफ़्तारी पर कानूनी प्रतिबंध एक सामान्य निर्देश के तौर पर काम करता है, ये अनिवार्य नहीं है. कहा गया कि प्रतिबंध सावधानी के तौर पर काम करने के लिए हैं.;

Madras High Court
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 11 Feb 2025 10:46 AM IST

Madras High Court: मद्रास हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए एक बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि शाम सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले महिलाओं को गिरफ्तार करने पर कानूनी प्रतिबंध महज एक निर्देश है, ये अनिवार्य नहीं है.

जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस एम जोतिरामन की खंडपीठ ने कहा कि हालांकि यह प्रावधान कानून प्रवर्तन के लिए एक चेतावनी उपाय के रूप में कार्य करता है, लेकिन इसका पालन न करने पर गिरफ्तारी अवैध नहीं हो जाती. हालांकि, अधिकारी को निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने में असमर्थता को उचित ठहराना चाहिए.

असाधारण परिस्थिती में हो सकती है गिरफ्तारी

कोर्ट ने कहा कि कानून असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर रात के समय महिलाओं की गिरफ़्तारी पर रोक लगाता है. ऐसे मामलों में क्षेत्राधिकार वाले मजिस्ट्रेट से पहले अनुमति की आवश्यकता होती है. कोर्ट ने कहा कि प्रावधान यह परिभाषित नहीं करता कि असाधारण स्थिति क्या होती है.

'सलमा बनाम राज्य' के मामले का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि सिंगल जज ने पहले महिलाओं की गिरफ़्तारी के बारे में दिशा-निर्देश बनाए थे. हालांकि, खंडपीठ ने पाया कि ये दिशा-निर्देश कानून प्रवर्तन अधिकारियों को स्पष्टता प्रदान करने में अपर्याप्त हैं. 

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