Kolkata Rape Case: 11 FIR के बाद भी बचा रहा दरिंदा, मैंगो पर हो रहे रोज नए खुलासे; और क्या-क्या चला पता?

कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप केस ने पूरे बंगाल को हिला दिया है. मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा पर पहले से 11 एफआईआर दर्ज हैं. गैंगरेप के बाद उसने इनहेलर मंगवाकर पीड़िता से फिर हैवानियत की तैयारी की. पुलिस के पास चादर, इनहेलर बिल और सीसीटीवी जैसे अहम सबूत हैं. मामले में चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में 25 जून को छात्रा से गैंगरेप की घटना के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस केस में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं. अब पुलिस जांच में यह सामने आया है कि मोनोजीत के खिलाफ 2013 से अब तक 11 एफआईआर दर्ज हैं और सभी में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इसके बावजूद वह खुलेआम घूमता रहा, जिससे सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, गैंगरेप की घटना के अगले दिन सुबह मोनोजीत ने कॉलेज के एक अधिकारी को फोन किया, जिस पर अधिकारी ने दावा किया कि बातचीत केवल कॉलेज से जुड़े मुद्दों तक सीमित रही. वहीं सहआरोपी परमीत ने उसी दिन एक वकील से संपर्क किया और दोनों ने कॉलेज के उन वरिष्ठ छात्रों से मदद मांगी जिनका राजनीतिक प्रभाव माना जाता है, लेकिन सबने उन्हें ठुकरा दिया और कहा कि उन्हें अपने किए की सजा भुगतनी चाहिए.

पुलिस पर नजर रखने के लिए

जांच में खुलासा हुआ कि अपराध को अंजाम देने के बाद मोनोजीत ने अपने कुछ खास साथियों को कॉलेज कैंपस में ही रुकने और पास के कसबा पुलिस स्टेशन की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया था. इस बीच वह खुद, परमीत और जैब पीड़िता के साथ कैंपस छोड़कर फरार हो गए थे. मोनोजीत को भरोसा था कि पीड़िता शिकायत दर्ज नहीं कराएगी और उसके पास मौजूद वीडियो क्लिप ही उसके लिए 'डराने' का हथियार होंगी.

मोनोजीत के आतंक से डरती थीं छात्राएं

कॉलेज के छात्रों और एक बैचमेट तीतास मन्ना ने खुलासा किया कि मोनोजीत के कैंपस में लौटने के बाद लड़कियों में डर का माहौल था. क्लास अटेंडेंस तक प्रभावित हुआ. वह लड़कियों की तस्वीरें क्लिक कर उन्हें मॉर्फ करता और कॉलेज ग्रुप्स में भेज देता था. हर लड़की को प्रपोज करने वाला यह सिरफिरा ‘मैंगो’ नाम से भी जाना जाता था, और टीचर्स तक उससे डरते थे.

खुद का सिर फोड़कर दूसरों पर डालता था इल्ज़ाम

मोनोजीत के हिंसक व्यवहार की हद तब सामने आई जब उसने खुद का सिर फोड़कर दो जूनियर्स के खिलाफ झूठी एफआईआर करवा दी. उस पर 2014 में हत्या की कोशिश का केस भी दर्ज हुआ था. साल 2022 में कॉलेज की एक छात्रा से छेड़छाड़ को लेकर भी एफआईआर दर्ज की गई थी. बावजूद इसके, वह कॉलेज में सक्रिय बना रहा, जो प्रशासनिक उदासीनता का प्रमाण है.

इनहेलर देकर दोबारा गैंगरेप की थी तैयारी

सरकारी वकील ने अदालत में बताया कि जब पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी, तो आरोपियों ने इनहेलर मंगवाया मगर सिर्फ इसलिए कि वह होश में आए और दोबारा गैंगरेप किया जा सके. पुलिस को पास की मेडिकल दुकान से इनहेलर का बिल और सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें जैब को इनहेलर खरीदते हुए देखा गया. इससे पुलिस को आरोपियों की नीयत और सुनियोजित रणनीति की पुष्टि हुई है.

गिरफ्तारी से पहले ली वकीलों की मदद

गैंगरेप के अगले दिन मोनोजीत ने कॉलेज के एक अधिकारी को फोन किया, जबकि परमीत ने एक वकील से संपर्क साधा. रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों ने कॉलेज के वरिष्ठ छात्रों से मदद मांगी, लेकिन सबने किनारा कर लिया. मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के अनुसार, 26 जून की शाम करीब 6:25 बजे मोनोजीत और जैब को बेलीगंज स्टेशन के पास फर्न रोड इलाके में देखा गया, और लगभग एक घंटे बाद पुलिस ने उन्हें तालबगान इलाके से गिरफ्तार कर लिया था.

वकील और बैचमेट के दावों में विरोधाभास

जहां मोनोजीत के वकील राजू गांगुली ने उसे सभ्य और मददगार बताया, वहीं बैचमेट तीतास मन्ना ने उलट दावा किया. तीतास का कहना है कि लड़कियां उसके लौटने से डरी रहती थीं और वह अपने रसूख से सबको दबा लेता था. इससे साफ है कि मोनोजीत की दोहरी पहचान रही – एक तरफ वकीलों के सामने ‘सभ्य’, दूसरी तरफ छात्राओं के लिए ‘खौफ’.

TMC नेताओं की बयानबाजी

गैंगरेप केस पर टीएमसी नेताओं के विवादित बयान लगातार आ रहे हैं. कल्याण बनर्जी, मदन मित्रा के बाद मंत्री मानस भुनिया ने इसे ‘छोटी घटना’ बताया, जिससे जन आक्रोश और बढ़ गया. बीजेपी ने तीखा हमला करते हुए कहा कि ममता सरकार बेटियों का अपमान कर रही है. कोलकाता पुलिस ने पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है.

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