कर्नाटक में सियासी भूचाल! DK शिवकुमार समर्थक 10 कांग्रेस MLA अचानक पहुंचे दिल्ली, क्या खतरे में है CM सिद्धारमैया की कुर्सी?

कर्नाटक कांग्रेस में पावर स्ट्रगल एक बार फिर तेज हो गया है. डीके शिवकुमार समर्थक 10 विधायक दिल्ली पहुंचकर हाईकमान पर रोटेशन फॉर्मूला लागू करने का दबाव बना रहे हैं, जिसके तहत ढाई साल बाद शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाना था. दूसरी तरफ, सिद्धारमैया साफ कह चुके हैं कि वे पूरे 5 साल CM बने रहेंगे. लगातार विधायकों के दिल्ली कैंप से कर्नाटक में राजनीतिक हलचल और भी बढ़ गई है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 20 Nov 2025 10:50 PM IST

Karnataka Politics Congress Crisis DK Shivakumar Siddaramaiah Power Sharing Formula : कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर में है. कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान अब खुलकर सतह पर आ चुकी है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थन में खड़े करीब 10 विधायक अचानक दिल्ली पहुंच गए हैं, जिससे राज्य में दोबारा ‘पावर शेयरिंग फॉर्मूला’ लागू कराने का दबाव हाईकमान पर बढ़ गया है.

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है. इसी के साथ मुख्यमंत्री पद के रोटेशन की मांग एक बार फिर जोर पकड़ चुकी है. बताया जाता है कि 2023 में चुनाव जीतने के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय हुआ था, हालांकि पार्टी ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया. अब शिवकुमार समर्थक विधायक यही दावा कर रहे हैं कि आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है, इसलिए हाईकमान को वादा निभाते हुए डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए.

10 विधायक दिल्ली में कैंप, और 12 आने वाले

सूत्रों के मुताबिक शिवकुमार गुट के 10 विधायक गुरुवार दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हुए. इनमें मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी, विधायक इकबाल हुसैन, एच.सी. बालकृष्ण और एस.आर. श्रीनिवास शामिल हैं. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को 12 और विधायक दिल्ली पहुंचेंगे. इससे पहले भी करीब एक दर्जन MLC दिल्ली में डेरा डाले हुए थे और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं.

सिद्धारमैया का कड़ा रुख- 5 साल मैं ही CM

इन तमाम हलचलों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपना रुख साफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि कोई रोटेशन फॉर्मूला तय नहीं हुआ था. वे पूरे 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. उनकी स्थिति शुरू से मजबूत रही है और आगे भी रहेगी. चामराजनगर की एक सभा में उन्होंने संकेत दिए कि वे पद से हटने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं..

DK शिवकुमार के भाई का पलटवार

उधर, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई और पूर्व सांसद डीके सुरेश ने भी मोर्चा खोलते हुए कहा कि सिद्धारमैया को किए गए वादे से पीछे नहीं हटना चाहिए. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई आधिकारिक वादा हुआ था, तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.

क्या कर्नाटक में बड़ा बदलाव होने वाला है?

लगातार दिल्ली में बढ़ती गतिविधियां, विधायकों का जमावड़ा और शिवकुमार समर्थकों का दबाव संकेत दे रहा है कि कर्नाटक कांग्रेस में सब ठीक नहीं है. हाईकमान को जल्द कोई फैसला लेना पड़ सकता है... या तो समझौता कराकर माहौल शांत किया जाए, या फिर सत्ता परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ें. कुल मिलाकर, यह कहा जा सकता है कि कर्नाटक की राजनीति इस समय बेहद गर्म है, और आने वाले दिनों में बड़ा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिल सकता है.

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