देश के साथ धोखा, लेकिन अपनों की फिक्र! घर पहुंचकर ज्योति मल्होत्रा ने किसके नाम लिखा लेटर?
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पुलिस ने कस्टडी में उसके घर लाया. वहां उसने एक इमोशनल लेटर लिखा जिसमें अपने परिवार, ताऊ और दवाइयों का ज़िक्र किया. एक तरफ देशद्रोह का आरोप, दूसरी ओर अपनों के लिए चिंता. इस दोहरी ज़िंदगी ने सभी को चौंका दिया है.;
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पुलिस उसके घर लेकर गई, लेकिन मकसद पूछताछ नहीं, बल्कि कपड़े बदलवाना था. इस दौरान उसने टेबल पर बैठकर एक नोटबुक में वह लेटर लिखा जो पूरे मोहल्ले में चर्चा का विषय बना है. उसमें अपने ताऊ, पिता और घर की साफ-सफाई करने वाली महिला तक का ज़िक्र है. "मैं जल्दी आऊंगी, लव यू कुश मुश" जैसे शब्दों से साफ है कि उसे अपनों की फिक्र है, भले ही देश के साथ उसकी निष्ठा पर सवाल खड़े हों.
पुलिस के मुताबिक रात करीब 1:45 बजे ज्योति को उसके हिसार स्थित घर लाया गया. वहां वह सिर्फ 15 मिनट रुकी, अपने कपड़े लिए और उसी दौरान चुपचाप एक नोटबुक पर खत लिख गई. यह लेटर उसके ताऊ के नाम था, जिसमें घरेलू कामकाज से लेकर दवाइयों तक की जिम्मेदारियों की बातें थीं. खत में पाकिस्तान या जांच का कोई ज़िक्र नहीं था, बल्कि एक सामान्य लड़की की तरह उसने सिर्फ अपने घरवालों की चिंता जताई.
दोहरी ज़िंदगी की पहली झलक
जांच में यह सामने आया है कि ज्योति रात में यूट्यूब वीडियो बनाती थी और दिन में एक शांत लड़की की तरह रहती थी. पिता हरीश बताते हैं कि वह अक्सर कहती थी कि दिल्ली जा रही है और चार-पांच दिन में लौट आएगी. लेकिन अब जब वीजा दस्तावेज और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स की जानकारी सामने आई है, तो शक पुख्ता होता दिख रहा है कि वह दोहरी ज़िंदगी जी रही थी. एक कैमरे के सामने और एक देश के खिलाफ गुप्त संवादों के बीच.
पिता अंजान, कमरा राज़दार
ज्योति का छोटा सा 55 गज का घर और उसका दो कमरों वाला सेटअप अब जांच एजेंसियों के निशाने पर है. एक कमरे में वह खुद बैठकर वीडियो बनाती थी, वहीं उसी कमरे में ताऊ खुशहाल सोते थे. पिता बताते हैं कि उन्होंने कभी उसकी गतिविधियों में शक नहीं किया, क्योंकि वह कमरे से बहुत कम बाहर निकलती थी और किसी से खुलकर बात नहीं करती थी.
तस्वीरें हटा दी गईं, पहचान से दूरी
जैसे ही ज्योति की गिरफ्तारी हुई, उसके कमरे की दीवारों पर लगी उसकी तस्वीरें हटा दी गईं. पिता हरीश ने बताया कि वे नहीं चाहते कि हर रोज उसकी तस्वीर देखकर बार-बार पुरानी बातें याद आएं. मोहल्ले में अब ज्योति का नाम एक संदिग्ध की तरह लिया जा रहा है. एक ऐसी लड़की जो कभी सबकी प्रेरणा थी, अब जांच एजेंसियों की गहन पूछताछ का विषय बन चुकी है.
दोस्तों से थी ज्योति की दूरी
परिवार ने बताया कि ज्योति बहुत कम लोगों से मिलती थी. वह कभी-कभी पास के दोस्तों से मिलने जाती थी, लेकिन उनके घर पर कोई नहीं आता था. वह काम करके सीधे अपने कमरे में चली जाती थी और वहां रात तक व्यस्त रहती थी. एकांत उसका साथी बन गया था और अब जब पूरा देश उसकी कहानी सुन रहा है, तो सवाल सिर्फ यही है. क्या यह एक लड़की की मजबूरी थी या कोई पूर्वनियोजित मिशन?