जस्टिस मनमोहन बने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जानिए उनके बारे में 10 अनजानी बातें
Delhi High Court Chief Justice Manmohan: जस्टिस मनमोहन ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ली है. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें चीफ जस्टिस की शपथ दिलाई है. वह 9 नवंबर 2023 से दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत हैं. मुख्यमंत्री आतिशी सिंह भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुईं.;
Delhi High Court Chief Justice Manmohan: जस्टिस मनमोहन ने रविवार को दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ली है. इस समारोह की अध्यक्षता उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सचिवालय में की, जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी समेत कई दिग्गज शामिल हुए. जस्टिस मनमोहन को ये जिम्मेदारी चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की जगह पर मिली है, जो अब सुप्रीम कोर्ट में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. जस्टिस मनमोहन 9 नवंबर 2023 से हील हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर काम कर रहे थे.
जस्टिस मनमोहन कौन हैं? जानिए उनके बार में 10 अननोन फैक्ट्स
- चीफ जस्टिस मनमोहन स्वर्गीय जगमोहन के पुत्र हैं, जो एक पॉपुलर ब्यूरोक्रेट से राजनेता बने थे. राजनीति में आने के बाद वह जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में काम किया था .
- चीफ जस्टिस मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को दिल्ली में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मॉडर्न स्कूल, बाराखंबा रोड से की थी. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में बीए (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की थी.
- कानून में दिलचस्पी होने के कारण इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से 1987 में एलएलबी की डिग्री ली और उसी साल दिल्ली बार काउंसिल में एडवोकेट के तौर पर रजिस्टर हुए.
- दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में रजिस्टर होने के बाद चीफ जस्टिस मनमोहन ने मुख्य रूप से भारत के सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की.
- अपने प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, कराधान, मध्यस्थता, ट्रेडमार्क और सर्विस लिटिगेशन में महारत हासिल कर ली.
- चीफ जस्टिस मनमोहन ने दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के सीनियर पैनल एडवोकेट के रूप में काम किया है.
- चीफ जस्टिस मनमोहन को 18 जनवरी 2003 को दिल्ली हाई कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया था और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों को संभाला, जिनमें दाभोल पावर कंपनी, हैदराबाद निजाम ज्वेलरी ट्रस्ट मामला, क्लेरिजस होटल विवाद शामिल है.
- चीफ जस्टिस मनमोहन ने मोदी परिवार के कानूनी मुद्दों और गुजरात अंबुजा सीमेंट के बिक्री कर विवाद जैसे उच्च प्रोफ़ाइल मामलों को भी निपटाया है.
- चीफ जस्टिस मनमोहन एक्स्ट्रा-ज्यूडिशियल एक्टिविटी में गहरी रुचि लेते हैं, उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार और सम्मेलनों को संबोधित किया है.
- चीफ जस्टिस मनमोहन को 13 मार्च, 2008 को दिल्ली हाई कोर्ट के एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया और वे 17 दिसंबर 2009 को स्थायी जज बने.