महाकुंभ में भगदड़ के बाद मृतकों के शव नदी में फेंके गए, ये क्या बोल रही हैं जया बच्चन?
महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर सियासी घमासान जारी है. सोमवार को संसद में भी इसकी गूंज सुनाई दी और इसे लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. वहीं समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने महाकुंभ भगदड़ को लेकर एक बयान दिया है जिसे लेकर हंगामा खड़ा हो गया है.;
महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन का विवादित बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि मृतकों के शव (महाकुंभ के दौरान जो भगदड़ मची थी, उसके बाद) नदी में फेंक दिए गए, जिससे वहां पानी सबसे ज्यादा दूषित हो गया है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्यसभा में प्रश्नकाल चल रहा था और उस दौरान जलशक्ति के ऊपर सवाल उठाए गए.
उन्होंने कहा, "...इस समय पानी सबसे ज़्यादा प्रदूषित कहां है? यह कुंभ में है. शव नदी में फेंके गए हैं, जिससे पानी दूषित हो गया है...असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कुंभ में आने वाले आम लोगों को कोई विशेष सुविधा नहीं मिल रही है, उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है. वे झूठ बोल रहे हैं कि करोड़ों लोग उस जगह पर आए हैं, फिर भी किसी भी समय इतनी बड़ी संख्या में लोग वहां कैसे इकट्ठा हो सकते हैं?..."
'भारत में जांच चलती ही रहती है'
उन्होंने योगी सरकार पर बिना नाम लिए हमला करते हुए कहा कि कम से लोगों को सच बताना चाहिए. कुंभ में आखिर हुआ क्या है कम से कम वो तो बताया ही जाना चाहिए. इस बात की जानकारी सदन में भी दी जानी चाहिए. जांच के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत में जांच चलती ही रहती है. कुंभ में जो भी चल रही हो उसकी जांच की जरूरत है क्या?
उन्होंने कहा कि ''इस वक्त देश में एक बहुत बड़ी समस्या है और वो है जो कुछ भी कुंभ में हुआ है. हजारों लोग चले गए हैं, इन्हें सही आंकड़े देने चाहिए और सदन में इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए. इन्हें जनता के सामने बात करनी चाहिए और सफाई देनी चाहिए.''
संसद में हंगामा
महाकुंभ में भगदड़ मामले पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी की वजह से संसद की कार्यवाही बाधित रही. लोकसभा में तो हंगामे और विपक्ष की नारेबाजी से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला इतने नाराज हो गए कि उन्होंने हंगामा करने वाले सांसदों को यहां तक कह डाला कि अगर आप मेजे तोड़ने ही यहां आए हैं तो वही कीजिए. दूसरी ओर राज्यसभा में भारी हंगामे के बाद विपक्षी सांसद सदन से बाहर निकल गए.