कहीं सांप तो कहीं हाथी ने मचाया उत्पात, जगन्नाथ रथ यात्रा में इन जगहों पर भीड़ हुई बेकाबू; घायल हुए सैकड़ों लोग

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 आस्था का पर्व जरूर था, लेकिन इस बार कई जगहों अपर अव्यवस्था का चेहरा भी बन गया. पुरी, अहमदाबाद और मेदिनीपुर में भगदड़, बेकाबू हाथी और सांप के डंक ने श्रद्धालुओं को दहशत में डाल दिया. सैकड़ों लोग घायल हुए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की वार्षिक रथ यात्रा इस बार आस्था के साथ अव्यवस्था और हादसों की घटनाओं के लिए भी चर्चा में रही. देशभर में निकाली गई रथ यात्राओं के दौरान गुजरात, पश्चिम बंगाल और पुरी समेत कई जगहों पर भीड़ बेकाबू हुई, जिससे भगदड़ जैसी स्थितियां बनीं. इन घटनाओं में सैकड़ों श्रद्धालु घायल हुए. हालांकि समय रहते प्रशासन ने हालात पर काबू पाया, लेकिन कुछ हादसे ऐसे रहे जिन्होंने आयोजन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए.

पुरी में सबसे बड़ी और भव्य रथ यात्रा के दौरान एक समय ऐसा आया जब रास्तों पर भारी भीड़ जमा हो गई और गर्मी व उमस के कारण स्थिति बिगड़ने लगी. बलभद्र के रथ तलध्वज को खींचने में देर हुई, जिससे यात्रा थम गई और अव्यवस्था फैल गई. हजारों की संख्या में श्रद्धालु एक ही मोड़ पर इकट्ठा हो गए, जिससे भगदड़ जैसे हालात बन गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 500 से ज्यादा श्रद्धालुओं की तबियत बिगड़ गई, जिन्हें इलाज के लिए पुरी मेडिकल कॉलेज भेजा गया. प्रशासन ने मौके पर पानी, ग्लूकोज और मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई, जिससे कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई.

अहमदाबाद में बेकाबू हुआ हाथी

गुजरात के अहमदाबाद में खड़िया गोलावद के पास रथ यात्रा के दौरान भीड़ देखकर एक हाथी बेकाबू हो गया. गजराज के नियंत्रण से बाहर होते ही अफरातफरी मच गई. जानवरों की टीम और डॉक्टरों की सहायता से हाथी को बेहोशी का इंजेक्शन देकर काबू में किया गया. इस भगदड़ में एक युवक घायल हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल भेजा गया. हालांकि हाथी को नियंत्रित कर रथ यात्रा के किनारे ले जाने के बाद स्थिति सामान्य हो सकी.

बंगाल में मची भगदड़

पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के महिषादल में 250 साल पुरानी रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई. कीचड़ से भरी सड़क पर रस्सी खींचते समय अचानक धक्का-मुक्की शुरू हुई और कई श्रद्धालु गिर पड़े. इस घटना में 11 लोग घायल हो गए. इनमें से दो की हालत गंभीर है और उनका इलाज तामलुक मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. इस भगदड़ की खास बात ये रही कि एक महिला को इसी अफरा-तफरी के दौरान सांप ने भी काट लिया.

सांप की वजह से भागे लोग

महिषादल की इस यात्रा में सांप की दहशत अलग से फैल गई. बारिश के कारण सड़कें फिसलन भरी थीं और लोग भीड़ में रस्सी खींचने को दौड़ रहे थे. इसी दौरान एक महिला के पैर में सांप फंस गया और उसकी चीख के बाद भगदड़ और तेज हो गई. घायलों में अधिकतर महिलाएं थीं. विधायक तिलक कुमार चक्रवर्ती ने स्थिति को नियंत्रित बताते हुए कहा कि इतने बड़े आयोजनों में छोटे हादसे होना असामान्य नहीं है.

पुरी में भी 40 लोग हुए घायल

पुरी में रथ यात्रा के दौरान एक और भगदड़ की घटना तब हुई जब गजपति महाराज दिव्यसिंहदेव के महल के पास ‘पहाड़ी’ अनुष्ठान हो रहा था. बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां जमा हो गए. अचानक भीड़ में हलचल मची और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. कुछ लोग दबाव में आकर गिर पड़े और लगभग 40 लोग घायल हो गए. पुलिस और राहत दल की तत्परता से सभी घायलों को फौरन मेडिकल कॉलेज भेजा गया और यात्रा आगे बढ़ाई गई.

मंत्री मुकेश महालिंग ने क्या कहा?

इन घटनाओं के बाद ओडिशा सरकार ने गर्मी और भीड़ को हादसों का मुख्य कारण बताया. राज्य के मंत्री मुकेश महालिंग ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है. हालांकि हर साल लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में ये यात्रा होती है, लेकिन इस बार का अनुभव प्रशासन के लिए चेतावनी है कि अगले साल और बेहतर प्रबंधन जरूरी होगा.

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