गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड के बीच Hug और Kiss करना स्वाभाविक; HC ने रद्द किया यौन उत्पीड़न केस

हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रेम करने वाले कपल के बीच एक-दूसरे को गले लगाना और चूमना (Kiss) करना स्वाभाविक है. कोर्ट ने युवक को यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करने में राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि यह किसी भी तरह से IPC की धारा 354-ए(1) के तहत अपराध नहीं हो सकता.;

( Image Source:  canva )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 13 Nov 2024 10:02 AM IST

Madras High Court: किसी भी इंसान के लिए प्यार एक बहुत ही खूबसूरत एहसास होता है. प्यार में पड़े प्रेमी जोड़े एक-दूसरे की खुशी के लिए कुछ भी करते हैं लेकिन कई बार यह रिश्ता विवाद तक पहुंच जाता है. ऐसा ही एक मामला मद्रास हाईकोर्ट पहुंचा.

हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रेम करने वाले कपल के बीच एक-दूसरे को गले लगाना और चूमना (Kiss) करना स्वाभाविक है. कोर्ट ने युवक को यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करने में राहत दी है.

गर्लफ्रेंड ने की थी शिकायत

जानकारी के अनुसार लड़के की प्रेमिका ने उस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए के तहत मामला दर्ज कराया था. हाईकोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही को खत्म करने का निर्देश दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस केस की सुनवाई जस्टिस आनंद वेंकटेश कर रहे थे.

कोर्ट ने युवक को मिली राहत

जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि IPC की धारा 354-ए(1) के तहत अपराध होने के लिए पुरुष की ओर से शारीरिक संपर्क बनाना जरूरी है. जिसमें अस्वीकार्य और स्पष्ट यौन गतिविधियां शामिल है. लेकिन रिलेशनशिप में रह रहे दो लोगों के बीच गले लगाना या किस करना स्वाभाविक है. यह किसी भी तरह से IPC की धारा 354-ए(1) के तहत अपराध नहीं हो सकता.

क्या है मामला?

इस मामले में संथगणेश की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने ऑल वुमेन पुलिस स्टेशन की ओर से उनके खिलाफ दर्ज एफआई को रद्द करने की अपील की थी. उनकी प्रेमिका ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे. युवक ने अपनी गर्लफ्रेंड को 13 नंवबर 2022 को एक जगह मिलने को बुलाया था. आरोप लगा कि इस दौरान प्रेमी ने प्रेमिका को गले लगाया और किस किया.

लड़की ने इस बात की जानकारी अपने माता-पिता को दी और लड़के से शादी के लिए पूछा. जब लड़के ने शादी से मना कर दिया और लड़की से दूरी बनाने लगा. फिर प्रेमिका ने उसके खिलाफ IPC की धारा 354-ए(1) के तहत शिकायत दर्ज कराई. कोर्ट ने कहा कि एफआईआर को सच भी मान लें तो लड़के के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है. उसके खिलाफ अपराधी कार्यवाही जारी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है.

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