भारत का पहला डायबिटीज बैंक कैसे बनेगा गेम चेंजर, क्या मरीजों के लिए साबित होगा वरदान?

India's First Diabetes Biobank: डायबिटीज रोगियों के लिए एक खुशखबरी है. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भारत का पहला डायबिटीड बायोबैंक स्थापित हुआ है. इससे लंबे समय तक ब्लड के सैंपल्स सुरक्षित रखे जा सकेंगे. इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) के बीच सहयोग से स्थापित किया गया है.;

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Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 16 Dec 2024 7:00 PM IST

India's First Diabetes Biobank: आपमें से कई लोगों ने डायबिटीज के बारे में जरूर सुना होगा. इसे मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है. भारत में करोड़ों लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. अब इसे लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भारत का पहला डायबिटीज बायोबैंक स्थापित किया गया है. इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) के बीच सहयोग से स्थापित किया गया है.

बायोबैंक के जरिए डायबिटीज के कारण विविधताओं और संबंधित विकारों की स्टडी की जाएगी. इसके लिए जैविक सैंपलों को इकट्ठा, प्रोसेस, स्टोर और ड्रिस्ट्रिब्यूट करने का काम किया जाएगा. यहां लंबे समय तक बायो सैंपल्स सुरक्षित रह सकेंगे. यह बायोबैंक डायबिटीज के कारणों पर रिसर्च कर इसकी रोकथाम के लिए काम करेगा.

बायोबैंक से नए बायोमार्कर की पहचान करने में मिलेगी मदद 

एमडीआएफ के अध्यक्ष डॉक्टर विश्वनाथन मोहन के मुताबिक, बायोबैंक डायबिटीज के शुरुआती इलाज और नए बायोमार्कर की पहचान करने में मदद करेगा. बायोबैंक डायबिटीज के खिलाफ भारत की लड़ाई को आगे बढ़ाएगा. इससे सहयोगात्मक अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा. मोहन के मुताबिक, बायोबैंक का मकसद मधुमेह के कारणों, भारत में इसके अनूठे पैटर्न और इससे संबंधित स्वास्थ्य विकारों का अध्ययन करना है.

बायोबैंक में दो प्रमुख ICMR-वित्त पोषित स्टडीज के ब्लड सैंपल शामिल हैं. पहला, 2008 से 2020 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित ICMR-इंडिया डायबिटीज (ICMR-INDIAB) स्टडी और दूसरा, 2006 में शुरू की गई युवा-शुरुआत मधुमेह की एक चल रही रजिस्ट्री. इन नमूनों में विभिन्न प्रकार के मधुमेह, जैसे टाइप 1, टाइप 2 और गर्भावधि मधुमेह शामिल हैं. ये आगे रिसर्च में सहायता करेंगे. 

बायोबैंक में ब्लड के 75 हजार नमूने सुरक्षित 

बायोबैंक में ब्लड के 75 हजार और सीरम के 10 हजार नमूने सुरक्षित रखे गए हैं. इसके अलावा, इसमें 16 हजार आनुवांशिक सैंपल्स और जनसंख्या आधारित सर्वे से मिले 5 हजार मूत्र नमूने सुरक्षित रखे गए हैं.

भारत में कितने लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं?

ICMR और इंडिया डायबिटीज स्टडी के अध्ययन के मुताबिक, भारत में 11 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. वहीं, 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को डायबिटीज होने की आशंका है. डायबिटीज से दिल की बीमारियां होने का खतरा रहता है.

भारत में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज किस राज्य में है?

ICMR के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर से 31.5 करोड़ लोग, पेट के मोटापे से 35.1 करोड़ लोग पीड़ित हैं. भारत के गोवा में सबसे ज्यादा 26.4 प्रतिशत डायबिटीज के मरीज हैं. इसके बाद पुडुचेरी (26.3 फीसदी) और (केरल 25.5) फीसदी हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में डायबिटीज के मामले बढ़ने की संभावना है. डायबिटीज ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरों में ज्यादा पाया जाता है. वर्ल्ड डायबिटीज डे हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है.

मधुमेह में कौन सा देश सबसे ऊपर है?

हाल ही में 14 नवंबर को लैंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कुल 82.8 करोड़ डायबिटीज से पीड़ित हैं. इनमें से 21.2 करोड़ लोग भारत में हैं. सबसे अधिक रोगियों वाले देशों में चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और ब्राजील हैं.

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