2047 का सपना और 2030 का मिशन: जापान को पछाड़ भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी

भारत ने वैश्विक आर्थिक मंच पर बड़ी छलांग लगाते हुए जापान को पीछे छोड़ दिया है और 4.18 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. सरकार के मुताबिक, मौजूदा तेज़ विकास दर को देखते हुए भारत अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है. मजबूत घरेलू मांग, बढ़ता उपभोक्ता खर्च, नियंत्रण में महंगाई और सुधारों की रफ्तार ने भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी इकॉनमी बना दिया है. 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2047 तक विकसित भारत का सपना अब और ठोस होता दिख रहा है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  सागर द्विवेदी
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भारत की अर्थव्यवस्था ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है. सरकार की ओर से जारी ताजा बयान के मुताबिक, भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया है. मौजूदा समय में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो चुका है और अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारत जर्मनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा.

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तेज रफ्तार आर्थिक विकास के साथ भारत अब न सिर्फ दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, बल्कि विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भी बना हुआ है. लगातार बेहतर जीडीपी आंकड़े, मजबूत घरेलू मांग और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद स्थिर प्रदर्शन ने भारत की आर्थिक मजबूती को और पुख्ता किया है.

जापान को पीछे छोड़ भारत चौथे पायदान पर

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार,'4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के जीडीपी मूल्य के साथ भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया है और अनुमान है कि 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डॉलर की अनुमानित जीडीपी के साथ अगले 2.5 से 3 वर्षों में भारत जर्मनी को तीसरे स्थान से हटाकर खुद तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगा.' इस समय दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है, जबकि दूसरे स्थान पर चीन बना हुआ है. भारत अब चौथे स्थान पर पहुंच चुका है और अगले कुछ वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़ने की पूरी तैयारी में है.

2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ ने चौंकाया

भारत की वास्तविक जीडीपी ने 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है. यह पहली तिमाही के 7.8 प्रतिशत और पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 7.4 प्रतिशत से कहीं बेहतर है. सरकार के मुताबिक, यह वृद्धि छह तिमाहियों में सबसे अधिक है, जो वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच भारत की आर्थिक लचीलापन (Resilience) को दर्शाती है.

इस समय दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है, जबकि दूसरे स्थान पर चीन बना हुआ है. भारत अब चौथे स्थान पर पहुंच चुका है और अगले कुछ वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़ने की पूरी तैयारी में है. भारत की वास्तविक जीडीपी ने 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है. यह पहली तिमाही के 7.8 प्रतिशत और पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 7.4 प्रतिशत से कहीं बेहतर है. सरकार के मुताबिक, यह वृद्धि छह तिमाहियों में सबसे अधिक है, जो वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच भारत की आर्थिक लचीलापन (Resilience) को दर्शाती है.

महंगाई, बेरोजगारी और निर्यात पर भी राहत

रिलीज में यह भी बताया गया कि, महंगाई दर निचली सहनशील सीमा से नीचे बनी हुई है, बेरोजगारी में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. निर्यात प्रदर्शन में सुधार जारी है. क्रेडिट फ्लो मजबूत है और वित्तीय हालात अनुकूल बने हुए हैं. शहरी उपभोग में मजबूती से मांग की स्थिति स्थिर है. इन सभी संकेतकों से यह साफ है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत आधार पर आगे बढ़ रही है.

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