EXCLUSIVE: "ऑपरेशन सिंदूर" ने भारत को दिया उम्मीद से दोगुना, अब तबाह पाकिस्तान में मार-काट मचना तय

ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को चार दिन में घुटनों पर ला दिया. भारत की ओर से नहीं, बल्कि पाकिस्तान की गिड़गिड़ाहट पर सीजफायर हुआ. अमेरिका ने इसमें भी अपनी चालाकी दिखाई और खुद को शांति-स्थापक दिखाने की कोशिश की. लेफ्टिनेंट जनरल चतुर्वेदी के मुताबिक, भारत को अब असली खतरा चीन और अमेरिका से है, न कि पाकिस्तान से. सिंधु जल संधि जैसी रणनीतिक बढ़त भारत बरकरार रखेगा.;

By :  संजीव चौहान
Updated On : 26 May 2025 11:33 AM IST

पहलगाम कांड (Pahalgam Terror Attack) का हिसाब बराबर करने के लिए भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) पर ‘सीजफायर’ क्यों लगाया? 10 मई 2025 को पाकिस्तान-भारत (Indian Pakistan War) के बीच हुए सीजफायर (Ceasefire) की घोषणा हिंदुस्तान के बजाए, अमेरिका यानी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों की? तीन दिन में ही पाकिस्तान की छाती पर जा चढ़ी जोश से भरी भारतीय फौज का मनोबल क्या ‘सीजफायर’ नहीं टूटेगा? क्या स्वार्थी अमेरिका और मक्कार चीन ऐसे वक्त में भारत के साथ ‘दोगलापन’ तो नहीं कर रहे हैं?

ऑपरेशन सिंदूर के तांडव से तबाह पाकिस्तान का हाल अब आगे क्या होगा? देश और दुनिया के जनमानस के दिल-ओ-दिमाम में उथल-पुथल मचा रहे इन्हीं तमाम सवालों के जवाब हासिल करने के लिए स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम इनवेस्टीगेशन) ने एक्सक्लूसिव बात की, भारतीय थलसेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी से (Lieutenant General VK Chaturvedi Retired).

सीजफायर को पाकिस्तान गिड़गिड़ाया, भारत नहीं

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी बोले, “भारत ने डरके मारे खुद सीजफायर की पहल नहीं की है. सीजफायर के लिए चार दिन में ही बर्बाद-तबाह हो चुका पाकिस्तान घुटनों पर गिरकर गिड़गिड़ाया. हमें भारत माफ कर दे. हम अब ऑपरेशन सिंदूर की झपट और ज्यादा दिन नहीं झेल सकते हैं. तब फिर इसमें भारत की कमजोरी कहां दिखाई देती है? दूसरे, जब सीजफायर पाकिस्तान और भारत के बीच हुआ तो उसकी घोषणा भारत से पहले अमेरिका (America President Donald Trump) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों कर दी? देखिए अमेरिका एक महा-मक्कार-मतलबपरस्त स्वार्थी देश है. कथित रूप से ही सही मगर उसने खुद को विश्व गुरु साबित करके अपनी दादागिरी बरकरार रखने की मैली उम्मीद में, भारत से पहले खुद ही पाकिस्तान-भारत के बीच हुए सीजफायर की घोषणा जल्दी-जल्दी कर डाली. ताकि दुनिया में संदेश पहुंचे कि मानो यह सीजफायर में मध्यस्थता अमेरिका ने ही की हो. यह भी सरासर गलत है.

स्वार्थी अमेरिका को दादागिरी कायम रखने की चिंता

''मैं मानता हूं कि भारत को अमेरिका से पहले सीजफायर की घोषणा खुद कर डालनी चाहिए थी. मगर अगर भारत घोषणा करने में लेट हो भी गया तो, फिर धूर्त अमेरिका को ऐसी कौन सी जल्दी थी, सिवाय दुनिया की नजरों में अपनी दादागिरी बरकरार रखने के? अमेरिका दरअसल एक महा स्वार्थी देश है. वह किसी भी कीमत पर नहीं चाहेगा कि जिस भारत ने 4 दिन के भीतर पाकिस्तान से मक्कार देश को घुटनों पर ला दिया, उस भारत का परचम दुनिया में लहराए. और पाकिस्तान पर इस हार के लिए दुनिया थूके.”

चीन-अमेरिका दोनों से भारत सतर्क रहे

अपुष्ट खबरें आ रही हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई 2025 को सीजफायर की घोषणा के कुछ देर बाद ही, हमारे दुश्मन देश चीन ने पाकिस्तान के साथ रहने का ऐलान कर दिया है? पूछे जाने पर भारतीय थलसेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल बोले, “देखिए चीन और अमेरिका दोनों भारत के लिए एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं. अमेरिका अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक गिर सकता है. तो मक्कार शैतान दिमाग चीन भारत को नीचा दिखाने के लिए हर हद लांघ जाएगा. भारत के लिए उतनी चिंता का विषय पाकिस्तान अब (ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों हो चुकी उसकी दुर्गति देखकर) नहीं रहा है, जितने कि अमेरिका और चीन हैं. अमेरिका अपना उल्लू सीधा करने के लिए चीन का दुश्मन होते हुए भी, चीन को भारत के खिलाफ उकसाने में नहीं झिझकेगा. इसलिए भारत को अमेरिका-चीन दोनों से ही सजग रहना है.”

सिंधु जल संधि पर सीजफायर बेअसर रहेगा

सीजफायर का भारत की ओर से तोड़ी गई सिंधु जल संधि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? पूछने पर ले. जनरल वीके चतुर्वेदी कहते हैं, “कोई फर्क नहीं पड़ेगा. भारत ने सीजफायर में ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसके ऊपर (पाकिस्तान पर) किए जा रहे ताबतोड़ हवाई हमले रोके हैं. पाकिस्तान को घुटनों पर बैठाए रखने के इरादे से मुझे नहीं लगता है कि, सीजफायर के तहत भारत सिंधु जल संधि से पाबंदी उठाएगा. अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान फिर सीना तानकर भारत के बारे में गलत सोचने की खुराफात करने लगेगा.”

“ऑपरेशन सिंदूर” ने भारत को उम्मीद से ज्यादा दिया

चार दिन में ही सीजफायर लगने से क्या भारतीय फौजें जोकि दुश्मन पाकिस्तान की हद के हर कोने तक, अपनी ही हद में रहकर जा घुसी थीं, वे सब हतोत्साहित नहीं हो गईं? स्टेट मिरर हिंदी के सवाल का जवाब देते हुए 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में 20 साल की उम्र में ही पाकिस्तान की छाती पर तोप लेकर जा चढ़ने वाले वीके चतुर्वेदी कहते हैं, “ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को उम्मीद से ज्यादा दिया है. ऑपरेशन सिंदूर ने जो कहर काल बनकर पाकिस्तान पर ढहाया है, वो 100 पुलवामा से ज्यादा भारी है. पुलवामा में तो पाकिस्तान के भाड़े के आतंकवादियों ने निहत्थे-निर्दोष 26 बेकसूर ही मारे थे न. भारत ने तो ऑपरेशन सिंदूर में 25 मिनट में ही (6-7 मई 2025 को आधी रात के बाद) सैकड़ों आतंकवादी मय उनके लाव-लश्कर, गोला-बम-बारूद के ही दफन कर दिए.”

पाकिस्तान में “ऑपरेशन सिंदूर” की तासीर मारकाट मचाएगी

स्टेट मिरर हिंदी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में थलसेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी कहते हैं कि, “सीजफायर ने दोनों तरफ से हमले बंद करवाए हैं. ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की गरमी कहिए या फिर तासीर तो अभी पाकिस्तान (Pakistan) ही हदों में शांत नहीं हुई है न. दुनिया देखेगी कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान में किस कदर अंदरूनी कोहराम मचेगा. यह कोहराम और मारकाट मचाएगी वहां की जनता. वह निरीह पाकिस्तानी जनता तो अपने बेहया-कम-अक्ल प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif Prime Minister of Pakistan) और, बिकाऊ व लालची मिलिट्री चीफ मुनीर (Asim Munir Chief of Army Staff of Pakistan) के बीच होने वाली कुत्ते-बिल्ली की सी लड़ाई में बेवजह ही मर-खप और पिस रही है.”

जेल में इमरान खान अभी इसलिए नहीं मरेंगे!

पाकिस्तान की जेल में बंद वहां के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कत्ल की खबरों पर विराम लगाते हुए वीके चतुर्वेदी बोले, “यह खबर खुद पाकिस्तानी फौज और उसकी मक्कार हुकूमत ने जान-बूझकर उड़ाई होगी. ताकि ऑपरेशन सिंदूर में भारत द्वारा जमकर की जा रही कुटाई-पिटाई से पाकिस्तान जनमानस को उधर मोड़ा जा सके. इस वक्त पाकिस्तान इमरान खान पर हाथ कतई नहीं डालेगा. क्योंकि अगर इमरान खान जेल में मारे जाते हैं तो पाकिस्तान की जनता पाकिस्तान के लिए, ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ी मुसीबत बन जाएगी. पाकिस्तानी जनमानस इमरान की मौत पर वहां मारकाट मचाकर पाकिस्तानी हुकूमत का जीना मुहाल कर देगी.”

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