LAC से हटने लगे चीनी सैनिक, उखाड़े अपने तंबू; दिवाली तक गश्त शुरू करेगी भारतीय सेना

चीन और भारत के बीच हुए एग्रीमेंट पर भारतीय सेना ने बड़ी जानकारी दी है. जल्द ही दोनों देशों की सेना LAC से पीछे हटने की तैयारी करने वाली हैं. फिलहाल इस समझौते में दो इलाके देपसांग और डेमचोक का नाम ही सामने आया है.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
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भारत और चीन के बीच अकसर बॉर्डर पर सैनिकों को लेकर विवाद सामने आता है. लेकिन जल्द ही इससे छुटकारा मिलने वाला है. भारतीय सेना का कहना है कि चीन की सेना लद्दाख LAC बॉर्डर से अपने सैनिकों को हटा लेगी. हालांकि ये समझौता दोनों देशों के बीच देपसांग और डेमचोक के लिए ही हुए हैं. सेना के सूत्रों ने आज दोपहर कहा कि भारतीय और चीनी सैनिक मंगलवार तक लद्दाख के देपसांग और डेमचोक इलाकों में पूरी तरह से पीछे हट जाएंगे और अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति पर वापस आ जाएंगे.

सेना सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों के पास डेपसांग और डेमचोक में निगरानी रखने का विकल्प रहेगा. यह किसी भी तरह के मिसकॉम्यूनिकेशन से बचने में काफी मदद करेगा. साथ ही पेट्रोलिंग पर निकलने से पहले एक दूसरे को इंफॉर्म जरुर करेंगे और पेट्रोलिंग के समय को भी एक दूसरे को सूचित करेंगे. 

अब होगा सीमा पर तनाव का अंत?

भारत और चीन में पिछले हफ्ते ही पेट्रोलिंग को लेकर इन क्षेत्रों पर समझौता हुआ था. इस दौरान चीन के साथ कोई लेनदेन नहीं हुआ है. वहीं बताया गया कि इसी महीने के अंत तक अपने-अपने पेट्रोलिंग को सेना शुरू कर देंगी. बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई भारत और चीन सैनिकों की हिंसा से दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ गई थी. इसमें भारत के सैनिक शहीद हुए थे. साथ ही चीन के भी कई सैनिकों की मौत हुई थी.

बनी व्यापक सहमति

वहीं गलवान में 15 जून 2020 को हुए हमले के बाद WMCC की 17 बार बैठक हुई. साथ ही सैन्य कमांडरों ने सैनिकों की वापसी और गश्त फिर से शुरू करने के लिए 21 बार बैठक की. वहीं इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि बुधवार को भारत और चीन के बीच हुई बातचीत के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गयी है, जिसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और मवेशियों को चराने की अनुमति देना भी शामिल है.

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