हुमायूं ने किया नई बाबरी का शिलान्यास, सऊदी मौलवी और बिरयानी दावत पर सियासी बवाल! BJP ने बताया- वोट बैंक

बंगाल के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुर्शिदाबाद में शनिवार को एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई, जब निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हमायूं कबीर ने कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच बाबरी मस्जिद जैसी संरचना के लिए मस्जिद का शिलान्यास किया.;

( Image Source:  ANI )

बंगाल के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुर्शिदाबाद में शनिवार को एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई, जब निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हमायूं कबीर ने कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच बाबरी मस्जिद जैसी संरचना के लिए मस्जिद का शिलान्यास किया. 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर आयोजित इस कार्यक्रम को लेकर जिले में भारी हलचल रही.

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दोपहर में कुरान पाठ के बाद शिलान्यास कार्यक्रम शुरू हुआ. कबीर ने दावा किया कि इस समारोह में हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें सऊदी अरब से आए दो धर्मगुरु भी मौजूद थे. मौके पर ‘नारा-ए-तकबीर’ और ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे गूंजते रहे.

मुर्शिदाबाद में भारी सुरक्षा, शहर बना किले जैसा

कार्यक्रम से पहले ही बेलडांगा क्षेत्र को पुलिस और केंद्रीय बलों ने पूरी तरह घेर लिया था. भीड़ का रुख देखते हुए शहर को लगभग किले में तब्दील कर दिया गया. MLA समर्थकों के सिर पर ईंटें उठाकर ले जाते हुए वीडियो भी सामने आए, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई. मुर्शिदाबाद, जहां मुस्लिम आबादी लगभग 67% है, पहले भी तनाव का केंद्र रहा है. इसी साल अप्रैल में वक्फ बिल के विरोध में हिंसा भड़की थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे.

40 हजार मेहमानों के लिए शाही दावत, 70 लाख का बजट

शनिवार को कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह की बाधा न हो, इसके लिए आयोजकों ने करीब 3,000 वॉलंटियर्स तैनात किए. NH-12 को अवरुद्ध होने से बचाने के लिए विशेष टीम बनाई गई. शाही बिरयानी पकाने के लिए सात कैटेरिंग कंपनियों को हायर किया गया, जो लगभग 40,000 मेहमानों और 20,000 स्थानीय निवासियों को खाना परोसने की जिम्मेदारी संभाल रही थीं. PTI से बात करते हुए विधायक के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि सिर्फ खाने पर ही लगभग 30 लाख रुपये खर्च हुए, जबकि पूरा बजट 70 लाख रुपये से अधिक था.

TMC से निलंबन के बाद भी कबीर का मस्जिद प्रोजेक्ट जारी

हमायूं कबीर को इसी हफ्ते TMC ने इस विवादित मस्जिद प्रोजेक्ट को लेकर निलंबित किया था. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने शिलान्यास करने का ऐलान किया और विरोध के बावजूद कार्यक्रम आयोजित किया. इस मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल हुई, लेकिन अदालत ने मस्जिद निर्माण को रोकने से इनकार कर दिया. अदालत ने राज्य सरकार को केवल यह निर्देश दिया कि वह कानून-व्यवस्था बरकरार रखे.

कबीर ने आरोप लगाया कि “कार्यक्रम को रोकने के लिए साजिशें रची जा रही हैं”, लेकिन उन्होंने कहा कि पूरी पुलिस और जिला प्रशासन उनका साथ दे रहा है. वहीं, TMC ने कबीर से दूरी बनाते हुए आज ‘सामरसता दिवस’ मनाने का फैसला किया, जिसमें धार्मिक सौहार्द का संदेश दिया गया. हालांकि TMC के इस कदम के बावजूद भाजपा का हमला जारी है. BJP IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह तथाकथित मस्जिद परियोजना कोई धार्मिक प्रयास नहीं बल्कि एक राजनीतिक कदम है, जिसका उद्देश्य भावनाओं को भड़काना और वोट बैंक को मजबूत करना है… ममता बनर्जी किसी भी हद तक जा सकती हैं, चाहे इसका मतलब पश्चिम बंगाल को अशांति की ओर धकेलना ही क्यों न हो."

भाजपा नेता दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि TMC 2026 विधानसभा चुनाव से पहले जानबूझकर धार्मिक ध्रुवीकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि टीएमसी चुनाव से पहले तनाव पैदा करने के लिए हुमायूं कबीर को एक फ़्रीलांसर की तरह इस्तेमाल कर रही है." उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बन चुका है, इसलिए अब “Babri Masjid को भूल जाने का समय है.”

TMC का पलटवार- 'कबीर BJP के पेरोल पर'

TMC ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया. पार्टी ने कहा कि भाजपा ही कबीर को उकसा रही है. PTI के अनुसार, TMC नेता ने कहा कि "कबीर बीजेपी की पेरोल पर हैं… मुर्शिदाबाद के लोग शांति-प्रिय हैं और उनकी उकसावेभरी हरकतों का समर्थन नहीं करते."

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