PM Modi का बचपन कैसा रहा, RSS से कैसे जुड़े और हिमालय में 2 साल कैसे रहे? Lex Fridman के हर सवाल का मिला जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में प्रसिद्ध एमआईटी वैज्ञानिक और एआई शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक गहन पॉडकास्ट में भाग लिया. इस बातचीत में उन्होंने अपने बचपन, हिमालय की आध्यात्मिक यात्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव और हिंदू राष्ट्रवाद पर अपने विचार साझा किए. यह प्रधानमंत्री का दूसरा पॉडकास्ट है.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 17 March 2025 6:56 AM IST

PM Modi Podcast With Lex Fridman: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध एमआईटी वैज्ञानिक और एआई शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक गहन पॉडकास्ट में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन, हिमालय की यात्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रभाव और हिंदू राष्ट्रवाद पर चर्चा की. यह पॉडकास्ट तीन घंटे से ज्यादा समय तक चला.

पीएम मोदी ने अपने बचपन और परिवार के बारे में बात करते हुए कहा, "जब मैं आज की दुनिया को देखता हूं, तो अपने बचपन और उस अनोखे वातावरण को याद करता हूं, जिसमें मैं बड़ा हुआ. मेरा गांव कुछ ऐसे पहलुओं से भरा था जो विश्व स्तर पर भी दुर्लभ हैं."

शुरुआती जीवन कैसा रहा?

प्रधानमंत्री ने अपने परिवार के साथ एक छोटे से घर में रहने का जिक्र किया, जहां खिड़कियां नहीं थीं, केवल एक छोटा दरवाजा था. उन्होंने कहा, "अब, जब लोग गरीबी की बात करते हैं, तो सार्वजनिक जीवन के संदर्भ में मेरे प्रारंभिक जीवन ने अत्यंत गरीबी में समय बिताया, लेकिन हमने कभी गरीबी का बोझ महसूस नहीं किया."

आरएसएस से पीएम मोदी का कैसे हुआ जुड़ाव?

आरएसएस से अपने जुड़ाव के बारे में पीएम मोदी ने बताया, "हमारे गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक शाखा थी, जहां हम खेल खेलते थे और देशभक्ति गीत गाते थे. उन गीतों ने मुझे गहराई से प्रभावित किया और इसी तरह मैं अंततः आरएसएस का हिस्सा बना." उन्होंने कहा कि संगठन ने उन्हें अनुशासन, संगठनात्मक कौशल और समाज के प्रति सेवा भाव की सीख दी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि RSS के साथ करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं. संघ को समझने का प्रयास करना चाहिए. उसकी स्थापना को 100 साल हो चुके हैं. इतना बड़ा संगठन पूरी दुनिया में नहीं है. 

हिमालय में पीएम मोदी ने कैसे बिताए 2 साल?

प्रधानमंत्री युवावस्था में घर छोड़कर हिमालय चले गए, जहां वे 2 साल तक रहे. जब उनसे इनसे बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, मैंने हिमालय में एकांत में समय बिताया. रास्ते में मेरी मुलाकात कई उल्लेखनीय व्यक्तियों से हुई. कुछ महान तपस्वी थे. ऐसे लोग, जिन्होंने सबकुछ त्याग दिया था, लेकिन फिर भी मेरा मन अशांत रहा. शायद, यह मेरी जिज्ञासा, सीखने और समझने की उम्र थी.

पीएम मोदी ने कहा, यह एक नया अनुभव था. पहाड़ों, बर्फ और ऊंची बर्फ से ढकी चोटियों से बनी दुनिया, लेकिन इन सबने मुझे आकार देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. इसने मुझे भीतर से मजबूत किया और मुझे आंतरिक शक्ति को खोजने में सक्षम बनाया. उन्होंने कहा, ब्रह्म मूहुर्त में उठना, ध्यान का अभ्यास करना, ठंड में नहाना, लोगों की भक्ति के साथ सेवा करना और बुजुर्ग संतों की सेवा करना मेरे व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बन गया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार इस क्षेत्र में एक प्राकृतिक आपदा आई और मैंने तुरंत खुद को ग्रामीणों की मदद के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने बताया, मैं कभी भी लंबे समय तक एक जगह पर नहीं रहा. मैं लगातार घूमता रहा, भटकता रहा. मैंने इस तरह का जीवन जिया.

हिंदू राष्ट्रवाद पर विचार

पीएम मोदी से जब हिंदू राष्ट्रवाद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हिंदू दर्शन हमेशा समावेशी रहा है. यह धार्मिक अवधारणा के बजाय एक जीवनशैली है, जो विविधता को स्वीकार करती है और सभी का सम्मान करती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदू विचारधारा सबको समान अवसर देने और शांति व सौहार्द बनाए रखने की प्रेरणा देती है. आप पूरा वीडियो नीचे देख सकते हैं...

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पॉडकास्ट का महत्व

यह पॉडकास्ट पीएम मोदी के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है, जिसमें उनके व्यक्तिगत अनुभव, आध्यात्मिक यात्रा और संगठनात्मक जुड़ाव शामिल हैं, जो उनके वर्तमान नेतृत्व को आकार देने में सहायक रहे हैं. इस प्रकार, लेक्स फ्रिडमैन के साथ यह पॉडकास्ट प्रधानमंत्री मोदी के जीवन और विचारधारा को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है.

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