'भारत रत्न' क्या है, इसकी शुरुआत कब हुई और यह आंबेडकर को कब दिया गया? जानें पूरा इतिहास

Bharat Ratna Award: संसद के शीतकालीन सत्र में बीजेपी ने कांग्रेस पर डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न न देने का आरोप लगाया. वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया. आखिर भारत रत्न क्या है, इसकी शुरुआत कब हुई और अब तक कितने नेताओं को यह पुरस्कार मिला है, आइए इस पर विस्तार से जानते हैं...;

Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 22 Dec 2024 7:01 PM IST

Bharat Ratna Award History: संसद के शीतकालीन सत्र खत्म हो चुका है, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर सियासत जारी है. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि शाह ने आंबेडकर का अपमान किया है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने बाबा साहेब का सम्मान नहीं किया. उन्हें कांग्रेस सरकारों ने भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया.

भारत रत्न क्या है, यह कैसे दिया जाता है, अब तक कितने नेताओं को और किस सरकार में यह पुरस्कार मिला है? आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं...

भारत रत्न पुरस्कार क्या है?

भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है. इसकी स्थापना 1954 में की गई थी. यह किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा/सर्वोच्च प्रदर्शन के सम्मान में दिया जाता है. भारत रत्न के लिए सिफारिशें प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती हैं. इसके लिए किसी औपचारिक अनुशंसा की आवश्यकता नहीं है. प्रधानमंत्री अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति से परामर्श करने या सलाह लेने के लिए स्वतंत्र हैं. हालांकि, प्रथा के अनुसार, गृह मंत्रालय (एमएचए) को कई अनुशंसाएं प्राप्त होती हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा जाता है. इन पुरस्कारों के लिए गृह मंत्रालय नोडल मंत्रालय है.

आम तौर पर एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को भारत रत्न दिया जा सकता है. यदि पुरस्कार लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो गई हो तो यह पुरस्कार उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाणपत्र) और एक पदक दिया जाता है.

अब तक कितने लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है?

अब तक 53 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. इनमें जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी शामिल हैं. राजीव गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया. पुरस्कार पाने वालों में राजनेताओं का दबदबा रहा है. इनमें पूर्व गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत, बीसी रॉय, पुरुषोत्तम दास टंडन, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर जाकिर हुसैन और वीवी गिरि शामिल हैं. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति, नेहरू को प्रधानमंत्री, गोविंद बल्लभ पंत को केंद्रीय गृह मंत्री और बीसी रॉय को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान भारत रत्न पुरस्कार दिया गया. 

क्या भारत रत्न मरणोपरांत दिया जाता है?

भारत रत्न पुरस्कार आम तौर पर मरणोपरांत नहीं दिया जाता है, लेकिन असाधारण और अत्यधिक योग्य मामलों में यह पुरस्कार प्राप्तकर्ता की मृत्यु के बाद दिया गया है. अब तक 18 लोगों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता के कामराज, जो पार्टी विभाजन के बाद कांग्रेस-ओ (गैर-इंदिरा गांधी गुट) में शामिल हो गए थे, को 1976 में आपातकाल के दौरान मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया था.

इसके अलावा, 1988 में राजीव गांधी सरकार ने AIADMK के संस्थापक एमजी रामचंद्रन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया था. लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर और डॉ आंबेडकर को भी मरणोपरांत देश के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

आंबेडकर को भारत रत्न कब मिला?

आंबेडकर को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया. साल 1984 में बहुजन समाज पार्टी और 1983 में दलित समाज संघर्ष समिति की स्थापना के साथ 1982 में कांशीराम की पुस्तक चमचा युग के प्रकाशित होने के बाद  आंबेडकर के पक्ष में चीजें बदलने लगीं. बीएसपी ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से कई सीटों पर उसे करीब 10 प्रतिशत वोट मिलने लगे, जिससे यह साफ हो गया कि अनुसूचित जाति के मतदाता नई पार्टी का मजबूती से समर्थन कर रहे हैं. इससे अन्य दल चिंता में पड़ गए और उन्होंने आंबेडकर पर अपना फोकस करना शुरू कर दिया.

गैर-कांग्रेसी सरकारों द्वारा भारत रत्न से सम्मानित कांग्रेस नेता

1977 में कांग्रेस छोड़कर प्रधानमंत्री बने मोरारजी देसाई को 1991 में चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली जनता दल (एस) सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया था. वहीं, गुलजारीलाल नंदा को 1997 में संयुक्त मोर्चा सरकार ने यह सम्मान दिया था. दो प्रमुख कांग्रेसी नेताओं, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया.

मोदी सरकार में कितने लोगों को मिला 'भारत रत्न'?

मोदी सरकार ने अपने 10 साल से ज़्यादा के कार्यकाल में 10 भारत रत्न पुरस्कार दिए हैं. इनमें 2015 में अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय और 2019 में भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से नानाजी देशमुख शामिल हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को ये पुरस्कार दिए गए थे.

Similar News