कोरोना का नया वैरिएंट NB.1.8.1 कितना खतरनाक, क्‍या फिर लगवाएगा लॉकडाउन? जानें हर सवाल का जवाब

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामले 2,710 तक पहुंच गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा केरल में 1,147 केस हैं. महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात समेत कई राज्यों में भी संक्रमण बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटे में सात मौतें हुईं. कोविड का नया वैरिएंट NB.1.8.1 तेजी से फैल रहा है और इम्यूनिटी से बचने में सक्षम है, जिससे संक्रमण की वृद्धि और चुनौतीपूर्ण हो सकती है. विशेषज्ञ सतर्क हैं और वैक्सीनेशन जारी रखने की सलाह दे रहे हैं.;

Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 31 May 2025 2:00 PM IST

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामले फिर से तेजी से बढ़ने लगे हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय मामले अब 2,710 तक पहुंच गए हैं, जिनमें से सबसे अधिक संक्रमण केरल में है. मई के अंतिम सप्ताह तक संक्रमण में पांच गुना वृद्धि देखी गई है और मामलों की संख्या 1,000 के पार चली गई है.

केरल में 1,147 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात भी संक्रमण की चपेट में हैं. अन्य राज्यों जैसे कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही पिछले 24 घंटे में सात मौतें हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र से दो और दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और तमिलनाडु से एक-एक मौत दर्ज हुई है. इस बीच, कोविड के नए वैरिएंट NB.1.8.1 ने भी तेजी से फैलाव और इम्यूनिटी से बचने की क्षमता दिखाई है, जिससे संक्रमण की बढ़ोतरी में इजाफा हो सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के नए वैरिएंट NB.1.8.1 को “Variant Under Monitoring” (निगरानी में रखा गया वैरिएंट) घोषित किया है. यह ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट है, जो अब भारत समेत कई देशों में अपने पांव पसार रहा है. इस वैरिएंट को लेकर आपके मन में भी तमाम सवाल होंगे जिनके जवाब बताने की हम यहां कोशिश कर रहे हैं.

1. नया वैरिएंट NB.1.8.1?

NB.1.8.1, ओमिक्रॉन (Omicron) का ही एक नया सबवैरिएंट है, जिसे जनवरी 2025 में पहली बार पहचाना गया. यह नया वेरिएंट तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे “Variant Under Monitoring” घोषित किया है, यानी इसकी सतत निगरानी की जा रही है.

2. भारत में भी दिखने लगे मामले

NB.1.8.1 के मामले अब भारत में भी सामने आने लगे हैं, हालांकि अभी संख्या सीमित है. इसके बावजूद, स्वास्थ्य एजेंसियों ने इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है.

3. कहां-कहां फैला है NB.1.8.1?

यह वेरिएंट अब तक एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूरोप के कई देशों में पहुंच चुका है. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में 40% केस इसी वैरिएंट के हैं जबकि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में यह डोमिनेंट वैरिएंट बन चुका है. चीन, जापान, हांगकांग, ताइवान और यूरोप के कुछ देशों में भी इसके केस बढ़ रहे हैं. WHO के मुताबिक, अप्रैल 2025 के अंत तक NB.1.8.1 ने वैश्विक सीक्वेंस में 10.7% हिस्सेदारी कर ली है, जो कि सिर्फ 4 हफ्ते पहले 2.5% थी.

4 .चीन में इमरजेंसी विज़िट और अस्पताल में भर्ती बढ़े

Time Magazine की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में इस नए वैरिएंट के चलते इमरजेंसी रूम विज़िट और अस्पताल में भर्ती होने की घटनाएं बढ़ी हैं, जो चिंता का कारण है.

5.  कैसे फैला रहा है यह वेरिएंट संक्रमण?

NB.1.8.1 में स्पाइक प्रोटीन में T22N और T478I जैसे म्यूटेशन पाए गए हैं. इससे यह वेरिएंट इंसानी कोशिकाओं से ज़्यादा मजबूती से चिपकता है. इसमें संक्रमण फैलाने की क्षमता ज़्यादा है और यह पुरानी इम्युनिटी (वैक्सीन या पूर्व संक्रमण) से बच निकलने में सक्षम हो सकता है.

6. लक्षण क्या हैं NB.1.8.1 के?

इसके लक्षण पुराने ओमिक्रॉन वैरिएंट्स जैसे ही हैं, जैसे कि बुखार, गले में खराश, थकान, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना या जाम होना वगैरह. कुछ मामलों में पाचन से जुड़ी समस्याएं भी देखी गई हैं.

7. क्या यह ज्यादा गंभीर बीमारी करता है?

फिलहाल, कोई संकेत नहीं है कि यह वेरिएंट गंभीर बीमारी का कारण बनता है. अधिकतर मामलों में इसके लक्षण माइल्ड (हल्के) हैं. लेकिन इसके तेज़ी से फैलने की क्षमता हेल्थकेयर सिस्टम पर दबाव डाल सकती है. यह वेरिएंट LP.8.1 और JN.1 से ज्यादा संक्रामक और इम्यून-एवेसिव है, लेकिन मृत्यु दर या अस्पताल में भर्ती की संख्या अब तक अधिक नहीं दिखी है. विशेषज्ञ इसे ‘कम लक्षण वाला लेकिन व्यापक’ वेरिएंट मान रहे हैं.

8. क्या यह ज्यादा खतरनाक है?

अब तक की रिपोर्ट्स के अनुसार, NB.1.8.1 की गंभीरता पुराने वैरिएंट्स जैसी ही है, यानी यह ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन इसकी तेजी से फैलने की क्षमता चिंता का विषय है.

9. क्या मौजूदा वैक्सीन काम करेंगी?

NB.1.8.1, JN.1 का अगला वैरिएंट है. JN.1 के खिलाफ बनी बूस्टर वैक्सीन इस पर आंशिक रूप से असरदार हैं. WHO और FDA का मानना है कि मौजूदा वैक्सीन अभी भी गंभीर बीमारी से सुरक्षा दे सकती हैं.

10. क्या करना चाहिए अभी?

  • भीड़भाड़ से बचें
  • लक्षण दिखने पर टेस्ट करवाएं
  • वैक्सीन का बूस्टर जरूर लें, खासकर सीनियर सिटिज़न्स और हाई रिस्क ग्रुप्स
  • मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग करें
  • सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें
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