हिन्दू स्त्रियां...हे भगवान, नंगे होकर पैसे कमाओगे! Reel बाज महिलाओं को लेकर साध्वी ऋतंभरा ने कह दी ये बात- Video
साध्वी ऋतंभरा ने कहा, हिंदू स्त्रियां हे भगवान...देखकर शर्म आती है. पैसा कमाओगे तुम? नंगे होकर पैसा कमाओंगे तुम? गंदे ठुमके लगाकर पैसा कमाओंगे? गंदे गाने गाकर पैसा कमाओंगे? उन्होंने आगे सवाल किया कि, 'उनके पतियों को ये सब स्वीकार कैसे है? उनके पिताओं को ये सब स्वीकार कैसे है? अपने घर के अंदर जब गंदी कमाई आती है तो पितर, पितर लोक में तड़पने लग जाते हैं.;
प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्धाचार्य के बाद अब साध्वी ऋतंभरा ने भी महिलाओं के पहनावे को लेकर विवादास्पद टिप्पणी कर दी है. उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या अब हिंदू महिलाएं अपने शरीर का प्रदर्शन कर पैसा कमाएंगी? उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है और लोग इसे संस्कृति की रक्षा कह रहे हैं तो कुछ इसे महिला स्वतंत्रता पर सीधा हमला मान रहे हैं.
साध्वी ऋतंभरा का यह बयान एक सभा में दिया गया, जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने महिलाओं के पहनावे, डांस और गानों को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताते हुए सवाल उठाए कि जब घर में गंदी कमाई आती है तो पूर्वज भी तड़पने लगते हैं. आइए जानते हैं, उन्होंने क्या कहा और किस संदर्भ में दिया यह बयान.
महिलाओं के पहनावे पर तीखा हमला
साध्वी ऋतंभरा ने कहा, हिंदू स्त्रियां हे भगवान...देखकर शर्म आती है. पैसा कमाओगे तुम? नंगे होकर पैसा कमाओंगे तुम? गंदे ठुमके लगाकर पैसा कमाओंगे? गंदे गाने गाकर पैसा कमाओंगे? उन्होंने आगे सवाल किया कि, 'उनके पतियों को ये सब स्वीकार कैसे है? उनके पिताओं को ये सब स्वीकार कैसे है? अपने घर के अंदर जब गंदी कमाई आती है तो पितर, पितर लोक में तड़पने लग जाते हैं.
'मर्यादित जीवन ही सच्चा हिंदू जीवन'
साध्वी ने कहा कि भारत की देवियों को मर्यादित जीवन जीना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'तुम चाहो तो कर सकती हो...बुरा मत मानना लेकिन तुम राक्षसों के घर में देवताओं को जन्म देती हो. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, तुमने तो कयादों बनकर हिरण्यकश्यप को जन्म दिया और अगर तुम न चाहो तो विश्वामित्र के घर रावण पैदा हो जाता है.
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस बयान के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं. कुछ लोग साध्वी के विचारों को संस्कृति की रक्षा का प्रतीक मान रहे हैं तो वहीं कई लोग इसे महिलाओं की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बता रहे हैं. वहीं हाल ही में बीते कुछ दिनों से Premanand Maharaj और Aniruddhacharya का बयान चर्चा में हैं Aniruddhacharya ने बतान दिया था कि जो आज के समय में 25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार के आती है यानी पूरी तरह जवान होकर आती है तो वहीं Premanand Maharaj ने कहा था कि जो लड़की चार लोगों के साथ रहती है वह अपने एक पति के साथ कैसे रह सकती है यानी चार होटल का जो खाना खाता है उसे रसोई का खाना कैसे पसंद आएगा.
कौन है साध्वी ऋतंभरा?
पंजाब के लुधियाना जिले के एक छोटे से गांव में जन्मी साध्वी ऋतंभरा का असली नाम था निशा किशोरी. महज 16 साल की उम्र में उन्होंने सांसारिक जीवन त्यागकर हरिद्वार में स्वामी परमानंद गिरी से दीक्षा ली और आध्यात्मिक पथ पर चल पड़ीं. साध्वी बनने के बाद उन्होंने समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण और धार्मिक प्रचार को अपना मिशन बना लिया.
1990 के दशक में, जब राम मंदिर आंदोलन पूरे देश में उफान पर था, साध्वी ऋतंभरा उसकी सबसे प्रभावशाली और प्रखर आवाज़ बनकर उभरीं. उनके fiery speeches ने युवाओं, महिलाओं और ग्रामीण समाज को झकझोर दिया. मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर उनके भाषणों के कैसेट्स बजते थे और उनका नाम पूरे भारत में “दीदी मां” के तौर पर लोकप्रिय हो गया.
उनके सामाजिक योगदान और धार्मिक आंदोलन में भूमिका को सम्मानित करते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से नवाज़ा. यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. आज भी वे सांस्कृतिक और सामाजिक मंचों पर अपनी स्पष्ट और निर्भीक बातों के लिए जानी जाती हैं.