डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के ‘दृष्टि IAS’ पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, भ्रामक विज्ञापन के लिए ₹5 लाख का जुर्माना

सेंट्रल कंज़्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान ‘दृष्टि IAS’ (VDK Eduventures Pvt. Ltd.) पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के मामले में कड़ा कदम उठाया है. अथॉरिटी ने संस्थान पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह कार्रवाई UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा 2022 के नतीजों को लेकर संस्थान द्वारा किए गए भ्रामक दावों के आधार पर की गई है. CCPA का कहना है कि छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाना जरूरी है ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को सही और पारदर्शी जानकारी मिल सके.;

( Image Source:  instagram/drishtiias )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On :

केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत काम करने वाली सेंट्रल कंज़्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान ‘दृष्टि IAS’ (VDK Eduventures Pvt. Ltd.) पर भ्रामक विज्ञापनों के आरोप में 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह कार्रवाई संस्थान द्वारा UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा 2022 के नतीजों को लेकर प्रकाशित किए गए भ्रामक दावों पर की गई है.

CCPA ने शुक्रवार (3 अक्टूबर 2025) को जारी अपने आदेश में कहा कि दृष्टि IAS ने अपने विज्ञापनों में बड़े-बड़े अक्षरों में दावा किया था कि उनके 216 से अधिक छात्रों ने UPSC CSE 2022 में सफलता हासिल की है. विज्ञापन में कई सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरें भी प्रमुखता से प्रकाशित की गई थीं.

सच्चाई निकली कुछ और

मंत्रालय के अनुसार, जांच में पाया गया कि दृष्टि IAS ने अपने विज्ञापनों में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई, जिससे छात्रों और अभिभावकों को गुमराह किया गया. जांच के दौरान पता चला कि जिन 216 उम्मीदवारों का दावा किया गया था, उनमें से 162 उम्मीदवार (लगभग 75%) ने केवल संस्थान का फ्री इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (IGP) लिया था - यानी उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा खुद पास की थी और सिर्फ इंटरव्यू की तैयारी के लिए दृष्टि IAS का कार्यक्रम जॉइन किया था.

सिर्फ 54 उम्मीदवारों ने इंटरव्यू प्रोग्राम के साथ अन्य कोर्स भी किए थे. मंत्रालय ने कहा कि इस तरह का आंशिक और अधूरा दावा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन की श्रेणी में आता है.

पहले भी लग चुका है जुर्माना

यह पहली बार नहीं है जब दृष्टि IAS पर इस तरह का आरोप लगा हो. सितंबर 2024 में भी CCPA ने इसी प्रकार के भ्रामक विज्ञापनों के लिए संस्थान पर ₹3 लाख का जुर्माना लगाया था और साथ ही आदेश दिया था कि वह ऐसे सभी विज्ञापनों को तुरंत बंद करे.

उम्मीदवारों को भ्रमित करने का आरोप

CCPA के अनुसार, दृष्टि IAS ने अपने विज्ञापनों के ज़रिए यह गलत धारणा बनाई कि संस्थान ही उम्मीदवारों की सफलता के सभी चरणों (प्रीलिम्स, मेंस, इंटरव्यू) के लिए ज़िम्मेदार है. इस प्रकार के दावे उन अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को भ्रमित करते हैं जो UPSC जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी में कोचिंग संस्थानों पर विश्वास करते हैं.

सरकार की यह कार्रवाई कोचिंग इंडस्ट्री में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक कड़ा संदेश मानी जा रही है. CCPA ने साफ किया है कि भविष्य में भी किसी भी शैक्षणिक संस्थान द्वारा गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर इसी तरह सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Similar News