Reels में हीरो और Maths में जीरो Gen Z! बेंगलुरु CEO का दावा-क्लास 5 के सवाल में भी फेल

बेंगलुरू के एक CEO ने यह दावा करके बहस छेड़ दी है कि जेनरेशन Z सोशल मीडिया में पर रिल्स बनाने में तो माहिर है, लेकिन उसमें गणित के सवालों का हल करने में नाकाम है.;

Generation Z
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 23 March 2025 3:03 PM IST

Gen Z: जेनरेशन Z के बच्चों के लेकर इन दिनों कॉलेज से लेकर नौकरियों तक में गैरजिम्मेदार बताया जा रहा है, लेकिन अब तो उनके टैलेंट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, बेंगलुरु के एक सीईओ ने लिंक्डइन पर एक बहस छेड़ दी है, जिसमें सवाल उठाया गया है कि क्या सोशल मीडिया में जेन जेड की पढ़ाई लिखाई पर हावी हो रहा है.

CEO आशीष गुप्ता ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर लिखा- जेन जेड रील्स जानता है, लेकिन असली गणित नहीं? इसमें उन्होंने जेनरेशन Z का डिजिटल में झुकाव और पढ़ाई में कम दिलचस्पी को लेकर चिंता जाहिर की है. सोशल मीडिया पर अधिक वक्त बिताने से उनकी पढ़ाई लिखाई को काफी नुकसान हो रहा है.

बैचलर डिग्री लेने आए बच्चे क्लास 5 का मैथ्स नहीं कर पाए सॉल्व

आशीष गुप्ता ने हाल ही में बीबीए, बीसीए और अन्य स्ट्रीम से नए ग्रेज्यूट्स के एडमिशन के लिए एक कॉलेज कैंपस में अपने विजिट के एक्सपेरिएंस को शेयर किया. उन्होंने 50 से अधिक छात्रों के साथ बातचीत करते हुए क्लास 5 का एक आसान सा सवाल पूछा- 'यदि एक कार पहले 60km 30 km/h की गति से तथा अगले 60 कस 60 km/h की स्पीड से चलती है, तो उसकी औसत स्पीड क्या है?' उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि 50 में से केवल 2 स्टूडेंट्स ने ही सही उत्तर दिया, जबकि बाकी इसमें फेल हो गए.

जेनरेशन Z की ताकत और कमियां

जहां कई छात्र मैथ्स के आसान के सवाल में असफल रहे, वहीं आशीष गुप्ता ने उन्हें इंस्टाग्राम रील्स, वायरल कंटेंट और डिजिटल मार्केटिंग में हीरो बताया, जिसे उनकी पढ़ाई में पीछे रहने का कारण बताया. उन्होंने लिखा, 'इससे एक कड़वा सच सामने आता है. जेनरेशन Z सोशल मीडिया में अधिक कुशल है, लेकिन उसमें मूलभूत समस्या-समाधान, तार्किक तर्क और वित्तीय साक्षरता का अभाव है. अगर ऐसे ही चलता रहा तो बच्चों का भविष्य खतरे में है.

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