'राष्ट्रपति धनखड़ की भी बात नहीं सुन रहे पीएम मोदी', किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने ऐसा क्यों कहा?
Delhi Chalo Protest March: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के मूड में नहीं है. अगर वह आज बातचीत करने नहीं आती है तो 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर कूच करेगा. उन्होंने बताया कि पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे जाने की वजह से 20 किसान घायल हो गए हैं. पंढेर ने कहा कि पीएम मोदी राष्ट्रपति धनखड़ की भी बात नहीं सुन रहे हैं.;
Delhi Chalo Protest March: किसानों ने शुक्रवार को पुलिस के द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया. अब किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करने को तैयार नहीं है. हम उनकी ओर से इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए कोई सकारात्मक पहल नहीं देख रहे हैं.
पंढेर ने बताया कि 'दिल्ली चलो' मार्च को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने से 20 किसान घायल हो गए, 14 अस्पताल गए हैं और 2 गंभीर रूप से घायल हैं. एक किसान को पटियाला रेफर किया गया है.
'किसानों को उपज का न्यूनतम मूल्य मिलना ही चाहिए'
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान एनडीए या इंडिया ब्लॉक सरकार से खुश नहीं हैं. वे पंजाब की AAP सरकार का भी समर्थन नहीं करते हैं. किसान जो उत्पादन कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें सही मूल्य चाहिए. कम से कम हमें न्यूनतम मूल्य तो मिलना ही चाहिए. कॉरपोरेट, उद्योगों को अपनी उपज के लिए मूल्य निर्धारित करने का अधिकार है, लेकिन मजदूरों को रोजगार नहीं मिलता और किसानों को उनकी उपज का मूल्य नहीं मिलता.
'8 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे 101 किसान'
शुक्रवार को किसानों द्वारा 'दिल्ली चलो' मार्च वापस लेने के बाद, पंढेर ने घोषणा की थी कि अगर केंद्र सरकार शनिवार तक उनसे बातचीत नहीं करती है, तो 101 किसानों का एक समूह 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर कूच करेगा. पंढेर ने कहा कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए कल तक इंतजार करेंगे. उसके बाद 101 किसानों का एक 'जत्था' 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर कूच करेगा.
'राष्ट्रपति की भी बात नहीं सुन रहे प्रधानमंत्री'
किसान नेता ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की बात भी नहीं सुन रहे हैं. अगर बातचीत का दौर शुरू होता तो इस आंदोलन का सुखद समाधान निकल सकता था...सरकार बातचीत के लिए तैयार नहीं है...हमारे लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष एक ही हैं, सब राजनीति करते हैं. इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य मुआवज़ा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर दबाव बनाना है.