विदेश से लौटा भारत, छाप डाले लाखों के नकली डॉलर और नोट; ऐसे हुआ खुलासा

गुजरात में एक गैंग का पर्दाफाश हुआ जो नकली अहमदाबाद में नकली डॉलर छापने का काम कर रहा था. जानकारी के अनुसार पुलिस को इसकी सूचना मिली. जिसके बाद गैंग पर एक्शन लिया गया. जानकारी के अनुसार अब तक 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ ही लाखों रुपये और कई सामान बरामद किया है.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
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भारत से लोग विदेश में पढ़ाई, नौकरी और कई चीजों के लिए जाते हैं. वहां से नई चीजों को सीखकर भारत लौट आते हैं. लेकिन गुजरात से एक व्यक्ति जब ऑस्ट्रेलिया पहुंचा तो उसने वहां से बहुत कुछ सीखा लेकिन कुछ ऐसा जिसकी चर्चा अब देशभर में हो रही है. दरअसल करीब 20 सालों के बाद ऑस्ट्रेलिया से लौटे एक शख्स ने गुजरात के अहमदाबाद में नकली डॉलर छापना शुरू कर दिए. जिसकी इस समय खूब चर्चा हो रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शख्स ने ये काम अकेले नहीं किया. इस जुर्म में उसके साथ-साथ उसके कई दोस्त भी शामिल थे. जिन्होंने इन नकली डॉलर को लोगों को सस्ते दाम पर बेचना शुरू कर दिया. बताया गया कि शख्स ये सब गुजरात में एक गोदाम से चला रहा था. लेकिन उसका ये जुर्म उसी के एक मजदूर के कारण पकड़ा गया. अब तक पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस को मिली थे इनपुट

नकली डॉलर छापने के मामले में पुलिस को जानकारी दी गई थी. जानकारी के अनुसार शख्स भारतीय करंसी के भी नकली नोटों की छपाई करता था. इसके साथ-साथ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के नोट छापता रहा. पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली तो अहमदाबाद पुलिस के साथ मिलकर स्पेशल ऑपरेशन टीम के साथ इसका पर्दाफाश किया गया और टीम ने गोदाम पर छापेमारी करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया.

ऐसे हुआ खुलासा

दरअसल 24 साल के मजदूर ने इन नकली 50 डॉलर के 119 नकली ऑस्ट्रेलियाई को बदलवाने की कोशिश की थी. लेकिन ऐसा करते हुए पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उसकी गिरफ्तारी हुई. पुलिस हिरासत में उसने पूछताछ के दौरान कहा कि उसे ये नोट 24 साल के खुश पटेल से मिले थे, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया. खुश पटेल ने पुलिस को इस मामले के पीछे के मास्टरमाइंड मौलिक पटेल की जानकारी दी. जानकारी के अनुसार खुश पटेल एक ट्रांसपोर्ट कारोबार है. बता दें कि एसओजी को पता चला कि मौलिक पटेल 20 साल के छात्र ध्रुव देसाई के साथ मिलकर वटवा केएक कारखाने में नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर छापने का काम करता है.

गोदाम से पुलिस को क्या कुछ मिला?

पुलिस ने इस छापेमारी में अब तक कई सामान जब्त किया है. जिनकी कीमत 11 लाख रुपये बताई गई. बताया गया कि इसमें 2 लाख 10 हजार रुपये के सात मोबाइल फोन और उसके अलावा भारतीय करंसी के 16 हजार 500 रुपये शामिल हैं. पुलिस ने नकली करेंसी छापने के लिए टेमप्लेट के तौर पर इस्तेमाल होने वाले असली नोट भी बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है कि ये गैंगग उन लोगों को अपना शिकार बनाता था जो विदेश यात्रा पर जाने वाले थे. ऐसे ही लोगों को सस्ते दामों में नकली डॉलर उपलब्ध कराए जाते थे.

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