अब EPF क्लेम के लिए रद्द चेक की नहीं पड़ेगी जरूरत, जान लीजिए EPFO के नए नियम

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए दावा प्रक्रिया को सरल बना दिया है. अब, सदस्यों को अपने बैंक खाते की जानकारी के सत्यापन के लिए नियोक्ता (employer) से प्रमाणित रद्द चेक (cancelled cheque) या पासबुक की प्रति जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी. EPFO अब सीधे बैंक से खाते की पुष्टि करेगा, जिससे दावा प्रक्रिया अधिक तेज़ और सुविधाजनक हो जाएगी.;

( Image Source:  X )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 3 April 2025 7:19 PM IST

EPFO Eases Claim Process: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए दावा प्रक्रिया को और आसान बना दिया है. अब EPF निकासी या अन्य दावों के लिए बैंक खाते के सत्यापन हेतु नियोक्ता (Employer) से प्रमाणित रद्द चेक (Cancelled Cheque) या बैंक पासबुक की प्रति जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी.

अब EPFO सीधे बैंक से खाते की पुष्टि (Bank Verification) करेगा, जिससे दावा प्रक्रिया अधिक तेज़ और सुगम हो जाएगी. इससे उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जिन्हें पहले अपने नियोक्ता से सत्यापन करवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था.

इस परिवर्तन का उद्देश्य सदस्यों के लिए दावा प्रक्रिया को सरल बनाना और समय की बचत करना है. पहले, नियोक्ता से प्रमाणित दस्तावेज़ प्राप्त करना समय लेने वाला हो सकता था, लेकिन अब यह बाधा हटा दी गई है. EPFO का यह कदम डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाने और सदस्यों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

EPFO के इस फैसले से क्या बदलेगा?

  • तेज और सरल दावा प्रक्रिया- अब EPF निकासी में कम समय लगेगा।
  • नियोक्ता पर निर्भरता समाप्त- कर्मचारियों को सीधे लाभ मिलेगा।
  • डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा- EPFO अब सीधे बैंक से खाते की पुष्टि करेगा।
  • भ्रष्टाचार और अनावश्यक कागजी कार्रवाई में कटौती – धोखाधड़ी और देरी की संभावनाएं कम होंगी।

आसानी से निकाल सकेंगे पैसे

बता दें कि अभी तक EPFO के सदस्यों को अपने PF खातों से ऑनलाइन धनराशि निकालने के लिए आवेदन करते समय UAN या पीएफ नंबर से जुड़े बैंक खाते की चेक लीफ या पासबुक की सत्यापित फोटो कॉपी अपलोड करनी होती थी, लेकिन अब इसे सरकार ने खत्म कर दिया है. इस कदम से 8 करोड़ सदस्य अपने खाते से आसानी से पैसे निकाल सकेंगे. 

श्रम मंत्रालय के मुताबिक, शुरुआत में कुछ केवाईसी-अपडेट किए गए सदस्यों के लिए पायलट आधार पर यह छूट प्रदान की गई थी, लेकिन अब इसे ईपीएफओ ने सभी सदस्यों को यह छूट दे दी है.  28 मई 2024  से पहले ही 1.7 करोड़ सदस्यों को लाभ मिल चुका था. पहले नियोक्ता की ओर से बैंक खाते के सत्यापन के बाद प्रक्रिया को मंजूरी देने में औसतन लगभग 13 दिन का समय लगता था, जिससे नियोक्ता पर कार्यभार भी बढ़ जाता था. इससे उसके बैंक खाते को जोड़ने में देरी होती थी, जिसे देखते हुए इस प्रक्रिया को खत्म करने का फैसला लिया गया है.

14.95 लाख से अधिक सदस्यों को मिलेगा लाभ 

ईपीएफओ के मुताबिक, मौजूदा समय में प्रत्येक माह अंशदान करने वाले 7.74 करोड़ सदस्यों में से 4.83 करोड़ सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने अपने बैंक अकाउंट को UAN से जोड़ लिया है. इसके अलावा, 14.95 लाख स्वीकृतियां नियोक्ताओं के स्तर पर लंबित पड़ी हुई हैं. अब नियोक्ताओं की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है. इस वजह से 14.95 लाख से अधिक सदस्यों, जिनकी मंजूरी नियोक्ताओं के पास लंबित है, को तुरंत लाभ मिलेगा. 

Similar News