दिल्ली में हाफ स्टाफ का फरमान! वर्क फ्रॉम होम की वापसी! प्रदूषण पर काबू करने के लिए दिल्ली सरकार का बड़ा एक्शन
दिल्ली सरकार ने GRAP के तहत बड़ा कदम उठाते हुए सभी सरकारी और निजी दफ्तरों को 50% स्टाफ के साथ संचालित करने का आदेश दिया है बाकी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष जरूरत पड़ने पर जरूरी सेवाओं के लिए स्टाफ को बुला सकेंगे निजी दफ्तरों पर भी यही नियम लागू रहेगा बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है;
दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही है और इसी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए गुरुवार को दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी सरकारी और निजी दफ्तरों में अधिकतम 50% स्टाफ के साथ काम करने का आदेश जारी किया है बाकी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (WFH) लागू करना अनिवार्य होगा यह निर्देश ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) स्टेज-III के तहत आपातकालीन उपायों के हिस्से के रूप में जारी किया गया है
पर्यावरण एवं वन विभाग ने यह आदेश पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत लागू किया है राजधानी पिछले कई दिनों से गंभीर प्रदूषण स्तर झेल रही है, जिसमें PM2.5 और PM10 खतरनाक हद से ऊपर दर्ज किए जा रहे हैं अक्टूबर के मध्य से GRAP के अलग-अलग चरण लागू किए जा रहे हैं, और अब स्टेज-III में सख्त पाबंदियां शुरू कर दी गई हैं.
लगातार बिगड़ती हवा और GRAP स्टेज-III की सख्ती
दिल्ली 1987 से आधिकारिक तौर पर एक एयर पॉल्यूशन कंट्रोल एरिया घोषित है सर्दी की शुरुआत के साथ ही हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है इसी के मद्देनज़र सरकार ने आदेश दिया है कि सभी GNCTD सरकारी विभाग 50% से अधिक कर्मचारियों को ऑफिस में न बुलाएं केवल वही कर्मचारी बुलाए जाएंगे जिनकी जरूरत किसी आवश्यक या आपात सेवा के लिए होगी. निजी दफ्तरों पर भी यही नियम लागू होगा, साथ ही उन्हें स्टैगर्ड शिफ्ट, वर्क फ्रॉम होम की कड़ाई से व्यवस्था और ऑफिस आवागमन से जुड़ी गाड़ियों की संख्या कम करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो और प्रदूषण नियंत्रित किया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद बदले गए GRAP नियम
M.C. Mehta एयर पॉल्यूशन केस में 17 और 19 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद CAQM ने GRAP के नियमों में संशोधन किए 20 नवंबर को संबंधित विभागों से चर्चा के बाद GRAP की सूची में बड़ा बदलाव किया गया जो कदम पहले स्टेज-IV में लागू किया जाता था यानी दफ्तरों में 50% उपस्थिति- उसे अब स्टेज-III में शामिल कर दिया गया है ताकि तुरंत असर दिख सके. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हाल ही में GNCTD और नगर निगम के दफ्तरों में स्टैगर्ड टाइमिंग को मंजूरी दी है इसका मकसद पीक आवर्स में ट्रैफिक का बोझ कम करना और वाहनों से होने वाला प्रदूषण घटाना है
किन सेवाओं को छूट?
50% स्टाफ नियम से कुछ महत्वपूर्ण सेवाओं को छूट दी गई है इनमें शामिल हैं- अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं, दमकल विभाग, जेल प्रशासन, सार्वजनिक परिवहन विभाग, बिजली और पानी सेवाएं, सफाई और स्वच्छता संस्थान, आपदा प्रबंधन इकाइयां, प्रदूषण नियंत्रण और प्रवर्तन एजेंसियां. ये सभी सेवाएं सामान्य रूप से संचालित होती रहेंगी.
कड़ाई से लागू होंगे नियम, उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है और GRAP स्टेज-III के पूरे दौरान प्रभावी रहेगा जिला मजिस्ट्रेटों, DCPs और स्थानीय निकायों को निर्देश दिया गया है कि वे सरकारी और निजी दोनों ही दफ्तरों में सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें. जो संस्थान नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15 और 16 के तहत कड़ी पेनल्टी लगाई जाएगी. पर्यावरण विभाग ने सभी सरकारी विभागों को यह आदेश भेज दिया है और IT विभाग को इसे दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं.