फैमिली पेंशन के रिकॉर्ड में बेटियों का नाम भी जरूरी, सरकार ने फॉर्म 4 के लिए जारी किया आदेश

डीओपीपीडब्ल्यू के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों के निर्धारित फॉर्म 4 में अपना नाम प्रस्तुत करने पर बेटियों को आधिकारिक पारिवारिक सदस्य के रूप में मान्यता दी जाएगी. इस तरह सरकार ने पेंशन रिकॉर्ड में बेटियों का नाम दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है.;

Daughters name Mandate in Pension Record(Image Source:  Canva )
Edited By :  सचिन सिंह
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Daughter Name Mandate in Pension Record: सरकारी पेंशन योजनाओं में बेटियों के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इनके नाम को मेंडेटरी कर दिया है. पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद भी बेटियों का नाम पारिवारिक रिकॉर्ड में बरकरार रखा जाए, भले ही वे पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र हों या नहीं.

DoPPW के आदेश में कहा कि सरकारी कर्मचारी की पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र परिवार के सदस्यों की सूची से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकता है. इसमें ये भी कहा गया कि एक बेटी को आधिकारिक तौर पर परिवार के सदस्य के रूप में मान्यता दी जाती है, जब उसका नाम सरकारी कर्मचारी के लिए फॉर्म 4 का उपयोग करके पेश किया जाता है. यह आवश्यकता इस बात पर ध्यान दिए बिना लागू होती है कि बेटी पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है या नहीं.

बेटी की पात्रता के लिए जरूरी

एक बेटी (जब तक कि वह मानसिक या शारीरिक विकलांगता से प्रभावित न हो) तब तक पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है जब तक कि वह शादी न कर ले, फिर से विवाह न कर ले या नौकरी न कर ले. 25 साल से अधिक आयु की अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटियां भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर सकती हैं. बशर्ते परिवार के अन्य सभी बच्चे या तो 25 साल से अधिक आयु के हो या आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों. यदि कोई बच्चा विकलांग है तो उसे पारिवारिक पेंशन का प्राथमिक अधिकार है.

सरकारी सेवा में प्रवेश करने पर कर्मचारियों को फॉर्म 4 में सभी बच्चों सहित पूरे पारिवारिक की डिटेल्स देना जरूरी है.  सेवानिवृत्ति से पहले यह जानकारी दी जानी चाहिए. इस तरह से सेवानिवृत्ति के बाद पारिवारिक रिकॉर्ड से बेटियों के नाम हटाने के बारे में पिछली चिंताओं को दूर कर दिया गया है.

फैमिली पेंशन के लिए पात्रता

पारिवारिक पेंशन के लिए पात्रता का निर्धारण मौजूदा नियमों के अनुसार, पेंशनभोगी या पारिवारिक पेंशनभोगियों की मृत्यु के बाद ही किया जाएगा. मेमोरेंडम में सभी मंत्रालयों और विभागों से आग्रह किया गया है कि वे पेंशन लाभों के लिए जिम्मेदार कार्मिकों को इन नई आवश्यकताओं के बारे में सूचित करें, ताकि इनका पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित हो सके. यह निर्देश सरकारी पेंशन प्रणाली के अंतर्गत पारिवारिक ढांचे में बेटियों की भूमिका को मान्यता देने और सभी परिवार के सदस्यों के लिए निष्पक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है.

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