सावधान! ChatGPT बना रहा यूजर्स के फर्जी PAN और Aadhaar कार्ड, जानें सुरक्षा को कितना खतरा?

ChatGPT Create Fake PAN And Aadhaar Card: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बहुत से यूजर्स ने एआई जनरेट फेक आधार और पैन कार्ड की फोटो शेयर किया है. नेटिजेंस ने गंभीर सुरक्षा चिंताओं को उजागर किया और एआई को विनियमित करने की अपील की है. स्कैमर्स के लिए इसका दुरुपयोग करना कितना आसान होगा - नकली पहचान, बैंक धोखाधड़ी, वित्तीय अपराध आदि.;

( Image Source:  @RisingPiku )

ChatGPT Create Fake PAN And Aadhaar Card: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया. एक सेकंड में हम अपने स्कूल-कॉलेज से लेकर ऑफिस तक के पेपर वर्क निपटा लेते हैं. दूसरी ओर इससे खतरा भी बढ़ रहा है. ओपन एआई के चैटजीपीटी यूजर्स का फेक आधार और पैन कार्ड बना रहा है, जो कि उनकी डेटा सुरक्षा और वित्तीय लेने-देन से जुड़ा बड़ा खतरा है.

चैटजीपीटी की मदद से साइबर फ्रॉड फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाकर यूजर्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं. कुछ समय से लाखों यूजर्स Ghibli-स्टाइल इमेज बना रहे हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं, जिससे अब उन्हीं की सुरक्षा पर खतरा पैदा हो गया है.

फेक डॉक्यूमेंट्स बना रहा चैटबॉट

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बहुत से यूजर्स ने एआई जनरेट फेक आधार और पैन कार्ड की फोटो शेयर किया है. नेटिजेंस ने गंभीर सुरक्षा चिंताओं को उजागर किया और एआई को विनियमित करने की अपील की है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि साइबर ठग किसी का भी चैटजीपीटी की मदद से फर्जी दस्तावेज तैयार करके इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. स्कैमर्स के लिए इसका दुरुपयोग करना कितना आसान होगा - नकली पहचान, बैंक धोखाधड़ी, वित्तीय अपराध आदि.

यूजर्स ने शेयर किए फेक डॉक्यूमेंट

पीकू नाम की यूजर ने एक्स पर फेक आधार का फोटो शेयर किया. मैंने AI से सिर्फ़ नाम, DOB और पते वाला आधार कार्ड बनाने को कहा. और इसने लगभग एकदम वैसा ही कार्ड तैयार कर दिया. तो अब कोई भी आधार और पैन कार्ड की नकली प्रतिकृति बना सकता है. हम डेटा गोपनीयता के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन AI कंपनियों को ऐसे मॉडल बनाने के लिए ये आधार और पैन कार्ड डेटासेट कौन बेच रहा है? वरना यह इतनी सटीकता से कैसे जान सकता है.

यशवंत साई पलाघाट ने लिखा, चैटजीपीटी तुरंत नकली आधार और पैन कार्ड बना रहा है, जो एक गंभीर सुरक्षा जोखिम है. यही वजह है कि एआई को एक निश्चित सीमा तक रेगुलेट किया जाना चाहिए.

क्या हो सकता है खतरा?

जानकारी के अनुसार, नकली, एआई-जनरेटेड पैन या आधार अपलोड करने से ऑनलाइन और ऑफलाइन केवाईसी नहीं की जा सकती, लेकिन चैटजीपीटी-जनरेटेड नकली पैन कार्ड को अनजान लोग असली मान सकते हैं. जिससे स्कैमर्स के लिए उन्हें धोखा देना आसान हो सकता है. उदाहरण के लिए, स्कैमर्स ऐसे कई लोगों को ठग सकते हैं जिनके पास पहचान पत्र सत्यापित करने में मदद करने वाले संसाधनों तक पहुंच नहीं हो सकती.

दूसरी सबसे बड़ी चिंता चैटजीपीटी और अन्य जनरेटिव एआई टूल की उन लोगों की फोटोरीलिस्टिक इमेज बना सकता है जो सच में मौजूद ही नहीं हैं. यह शायद जनरेटिव एआई चैटबॉट. इससे पता चलता है कि जनरेटिव एआई टूल बेईमान स्कैमर्स को लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में मदद कर सकता है. उनके उपयोग में आसानी से लगभग कोई भी व्यक्ति नकली आईडी कार्ड बना सकता है.

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