अब स्कूल बंक करने वाले छात्रों को बोर्ड परीक्षा देने में होगी मुश्किल, स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी में CBSE
अब रोजाना स्कूल न जाने वाले छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए रेफर करना स्कूलों को भारी पड़ेगा. जो स्कूल ऐसा करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. यह जानकारी सीबीएसई के एक अधिकारी ने दी.;
CBSE News: अब रोजाना स्कूल न जाने वाले छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए रेफर करना स्कूलों को भारी पड़ेगा. जो स्कूल ऐसा करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. यह जानकारी सीबीएसई के एक अधिकारी ने 27 मार्च को दी.
सीबीएसई अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उन स्कूलों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जो नियमित रूप से स्कूल न जाने वाले छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए रेफर कर रहे हैं. यह कदम परीक्षा की शुचिता बनाए रखने और शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है,
बोर्ड ने सभी स्कूलों को दिए सख्त निर्देश
बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे केवल नियमित उपस्थिति वाले छात्रों को ही बोर्ड परीक्षा के लिए नामांकित करें. यदि कोई स्कूल इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मान्यता रद्द करना भी शामिल हो सकता है.
एक साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा
इससे पहले, सीबीएसई ने 25 फरवरी को 10वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव का एलान किया, जो 2026 से लागू होगा. इसके तहत, सीबीएसई 1 साल में 2 बोर्ड परीक्षा कराने की योजना बना रही है. पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में होगी, जबकि दूसरी परीक्षा मई में आयोजित की जाएगी.
छात्रों को प्रदर्शन सुधारने में मिलेगी मदद
सीबीएसई ने यह फैसला इसलिए लिया, ताकि छात्रों को अपना प्रदर्शन सुधारने में मदद मिल सके. इसके लिए एक मसौदा नीति भी बनाई गई है. छात्रों को इस बात की छूट दी गई है कि वे यह तय कर सकेंगे कि उन्हें एक या दोनों परीक्षाएं देना है. अगर वे दोनों परीक्षाओं में भाग लेते हैं तो उनके बेहतर स्कोर को अंतिम रिजल्ट में शामिल किया जाएगा.