DMK नेता ने अमित शाह को बताया 'मूर्ख', BJP का 'Idiot' वाला पलटवार; मचा सियासी उबाल

DMK नेता ए. राजा ने एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 'मूर्ख' कहा, जिस पर BJP ने तीखा पलटवार करते हुए उन्हें 'Idiot' बताया. बयानबाजी से सियासत गर्मा गई है और दक्षिण की राजनीति में नई हलचल मच गई है.;

तमिलनाडु की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. डीएमके (DMK) सांसद ए. राजा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने भाषण के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से 'मूर्ख' कह दिया. उनके इस बयान ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है. भाजपा (BJP) नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ए. राजा को खुद 'मूर्ख' करार दिया और उनकी टिप्पणी को भारत के गृह मंत्री का अपमान बताया.

यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब ए. राजा ने मदुरै में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह के तमिलनाडु को लेकर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. शाह ने हाल ही में कहा था कि बीजेपी ने दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र जीत लिया है, अगला लक्ष्य तमिलनाडु है.

ए. राजा बोले- मूर्ख...तमिलनाडु कोई अकेला नहीं है!

अपने भाषण में ए. राजा ने कहा कि 'अमित शाह मदुरै आए और बोले- हमने दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र जीत लिया, अब तमिलनाडु की बारी है। मूर्ख, मूर्ख! अरविंद केजरीवाल दिल्ली में अकेले नेता हैं, उन्होंने एक व्यक्ति को हराया. हरियाणा और महाराष्ट्र में भी अकेले लड़ रहे थे. लेकिन एम. के. स्टालिन अकेले नहीं हैं, उनके पीछे पेरियार, अन्ना, करुणानिधि और द्रविड़ विचारधारा है.

राजा ने आगे आरोप लगाया कि बीजेपी 'एक भाषा, एक राष्ट्र, एक धर्म' के एजेंडे को थोपना चाहती है, जो दक्षिण भारत की वैविध्यता के खिलाफ है. “आप उस विचारधारा से घबराए हुए हैं जो समावेश की बात करती है. आप नहीं समझ सकते कि सब कुछ एक कैसे हो सकता है?” राजा ने जोड़ा. बीजेपी का पलटवार- 'जो शाह को मूर्ख कहे, वही असली मूर्ख है'

ए. राजा के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता नारायणन तिरुपाठी ने कहा कि पूर्व मंत्री और मूर्ख ए. राजा ने भारत के गृह मंत्री को मूर्ख कहा है. जो व्यक्ति देश के गृहमंत्री पर इस तरह की टिप्पणी करता है, वही असल में मूर्ख है. बीजेपी नेताओं ने यह भी कहा कि ए. राजा के बयान से यह साबित होता है कि डीएमके अभी भी 90 के दशक की घृणात्मक राजनीति में फंसी हुई है.

विवाद से गरमाई दक्षिण की राजनीति

राजा का यह बयान ऐसे समय आया है जब 2026 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव की हलचल शुरू हो चुकी है. भाजपा राज्य में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है जबकि डीएमके अपनी द्रविड़ विचारधारा को जनमानस से जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। यह विवाद निश्चित तौर पर आने वाले हफ्तों में और गहराएगा.

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