केरल में BJP के लिए क्यों बजी खतरे की घंटी? तिरुवनंतपुरम में बंपर जीत के आगे फीका रहा NDA का प्रदर्शन, आंकड़ों ने खोली पोल

केरल स्थानीय निकाय चुनाव 2025 में तिरुवनंतपुरम नगर निगम की ऐतिहासिक जीत के बावजूद BJP के नेतृत्व वाला NDA राज्यव्यापी राजनीतिक बढ़त हासिल करने में विफल रहा. वार्डों की संख्या में मामूली वृद्धि के बावजूद जिला पंचायत और नगरपालिकाओं में कमजोर प्रदर्शन ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले NDA की चुनौतियों को उजागर कर दिया है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 14 Dec 2025 2:31 PM IST

Kerala Election Results BJP, BJP Performance in Kerala Local Body Elections 2025: केरल स्थानीय निकाय चुनाव 2025 में तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास जश्न मनाने के लिए बहुत कुछ नहीं है. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि शहरी सफलता के बावजूद NDA राज्य के अन्य हिस्सों में व्यापक राजनीतिक बढ़त हासिल करने में नाकाम रहा है.

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चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, NDA ने 2025 में कुल 1,919 वार्डों में जीत दर्ज की, जो 2020 में जीते गए 1,597 वार्डों की तुलना में मामूली बढ़त है. इसी तरह, NDA को 26 ग्राम पंचायतों में बहुमत मिला, जबकि 2020 में यह संख्या 19 थी. यह बढ़त ऐसे समय में आई है जब BJP ने सबसे अधिक 19,262 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. इसके मुकाबले कांग्रेस ने 17,497 और CPI(M) ने 14,802 उम्मीदवार चुनाव में उतारे.

बीजेपी को नहीं मिल सका पूर्ण बहुमत

हालांकि, तिरुवनंतपुरम नगर निगम और दो नगरपालिकाओं, त्रिपुनिथुरा और पालक्काड, को छोड़ दें, तो NDA इस वार्ड-स्तरीय बढ़त को स्थानीय निकायों पर नियंत्रण में नहीं बदल सका. इसकी एक बड़ी वजह यह रही कि BJP की जीतें अलग-अलग क्षेत्रों में बिखरी रहीं और किसी एक क्षेत्र में इतनी केंद्रित नहीं हो सकीं कि पूर्ण बहुमत हासिल किया जा सके. 

NDA की प्रमुख सहयोगी BDJS को केवल पांच वार्डों में मिली जीत

NDA के भीतर भी तस्वीर साफ है. 1,919 जीते गए वार्डों में से लगभग सभी पर BJP ने ही जीत दर्ज की. गठबंधन की प्रमुख सहयोगी पार्टी भारत धर्म जन सेना (BDJS) केवल पांच वार्ड ही जीत सकी, जिनमें से चार ग्राम पंचायतों में हैं.

तिरुअनंतपुर में 55 नगर निगम वार्डों में बीजेपी को मिली जीत  

BJP द्वारा जीते गए 93 नगर निगम वार्डों में से 50 अकेले तिरुवनंतपुरम से आए. वहीं, एक अहम तथ्य यह भी है कि BJP 346 जिला पंचायत वार्डों में से एक भी सीट पर बढ़त हासिल नहीं कर सकी. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, जिला पंचायत जैसे बड़े वार्डों में राजनीतिक मतदान हावी रहता है और यहां BJP का कमजोर प्रदर्शन आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है.

BJP को किसी भी नगरपालिका में नहीं मिला बहुमत

नगरपालिका स्तर पर भी BJP को सीमित सफलता मिली. पार्टी ने कुल 324 नगरपालिका वार्ड जीते, लेकिन किसी भी नगरपालिका में स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाई. त्रिपुनिथुरा नगरपालिका में BJP 21 वार्ड जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि CPI(M) के नेतृत्व वाला LDF महज एक सीट पीछे 20 वार्डों के साथ रहा.

पालक्काड नगरपालिका में पिछली बार की तुलना में कमजोर रहा प्रदर्शन 

पालक्काड नगरपालिका में BJP ने सत्ता बरकरार तो रखी, लेकिन उसका प्रदर्शन पिछली परिषद की तुलना में कमजोर रहा. यहां पार्टी ने 53 में से 25 वार्ड जीते, जबकि पिछली बार यह संख्या 28 थी. एक दशक से सत्ता में रहने के कारण पार्टी को मजबूत एंटी-इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ा.

7816 वार्ड जीतकर UDF बनी सबसे बड़ी पार्टी

दूसरी ओर, संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) के भीतर कांग्रेस ने 7,816 वार्ड जीतकर सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा कायम रखा, जबकि CPI(M) 7,454 वार्डों के साथ उसके बेहद करीब रही. UDF की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने 2,844 वार्ड जीतकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि CPI को 1,018 वार्डों पर संतोष करना पड़ा.

13 दिसंबर को हुई मतगणना

दो चरणों में 9 और 11 दिसंबर को हुए इन चुनावों की मतगणना 13 दिसंबर को हुई. नतीजों में UDF ने छह में से चार नगर निगम, कोच्चि, कोल्लम, त्रिशूर और कन्नूर, पर कब्जा जमाया. वहीं, 2020 में पांच नगर निगमों पर काबिज LDF इस बार सिर्फ कोझिकोड तक सिमट गया और 45 वर्षों बाद तिरुवनंतपुरम नगर निगम NDA के हाथों चला गया.

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