महाराष्ट्र के 19 मंत्रियों से मिलने में संघ कार्यकताओं को नहीं होगी परेशानी, नियुक्त किए गए खास PA
भाजपा नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने 19 मंत्रियों के लिए आरएसएस कार्यकर्ताओं को उनके पीए के रूप में नियुक्त किया है. इन पर्सनल असिस्टेंट को पार्टी और सरकार के बीच एक पुल का काम करने के लिए नियुक्त किया गया है. बता दें कि मंत्रियों के पीए को अन्य लोगों की तरह सरकारी वेतन मिलेगा. पार्टी ने महाराष्ट्र में नीति और निर्णय लेने पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया है.;
RSS Works: महाराष्ट्र की सत्ताधारी भाजपा सरकार ने बड़ा राजनीतिक फैसला लिया. पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता की नियुक्ति प्रदेश सरकार में की है. यह 19 मंत्रियों के नेतृत्व में सरकारी विभाग में पीए का काम करेंगे. ये पीए RSS और उसके सहयोगी संगठनों से लिए जाएंगे. भाजपा के सभी 19 मंत्रियों के पास अब पार्टी और आरएसएस के मुद्दों को देखने के लिए एक पर्सनल असिस्टेंट होगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन पर्सनल असिस्टेंट को पार्टी और सरकार के बीच एक पुल का काम करने के लिए नियुक्त किया गया है. कहा जा रहा है कि पार्टी ने महाराष्ट्र में नीति और निर्णय लेने पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया है. इससे पार्टी के कई बड़े फायदे और मुद्दों पर पकड़ रखने में मदद मिलेगी.
सुधीर देउलगांवकर को मिली जिम्मेदारी
देवेंद्र फड़नवीस सरकार और संघ के बीच एक पुल का काम करने के लिए के बीजेपी नेता सुधीर देउलगांन नियुक्त किया गया है. उन्हें चीफ कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. देउलगांवकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी हैं और पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के चुनाव कोऑर्डिनेटर थे.
देउलगांवकर का बयान
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए सुधीर देउलगांवकर ने कहा कि 'मेरी नियुक्ति सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय को सुविधाजनक बनाने के लिए है.' उन्होंने बताया कि 'जब भी भाजपा से कोई वास्तविक समस्या या मुद्दे लेकर आएगा, तो इसे संबंधित मंत्रालय को भेज दिया जाएगा.' बता दें कि मंत्रियों के पीए को अन्य लोगों की तरह सरकारी वेतन मिलेगा. बीजेपी सरकारी और पार्टी के बीच दूरियों को कम करने के लिए पहले भी ऐसी पहल कर चुकी है. पिछली महायुति सरकार का नेतृत्व शिवसेना ने किया था और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे.
फैसले के पीछे का कारण
भाजपा सरकार को कैडर से फीडबैक मिला कि उनके लिए अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए मंत्रियों तक पहुंचना मुश्किल था. इसलिए मंत्रियों के लिए पीए नियुक्त करने का फैसला लिया गया. यह निर्णय केवल भाजपा मंत्रियों, शिवसेना और राकांपा के मंत्री अपनी पसंद को पीए के रूप में नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं. इस संबंध में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'इन नियुक्तियों के पीछे का मकसद हमारे कैडर को अपने मुद्दे उठाने की सुविधा देना है. इसलिए जो लोग चुने जाएंगे वे संघ संगठनों से होंगे.' 'नेता ने कहा, भाजपा कार्यकर्ताओं को हमेशा मंत्रालय से दूर रहने के लिए कहा जाता था, इससे कई कैडर निराश हो गए और उन्हें लगने लगा कि उनकी उपयोगिता केवल चुनाव तक ही है.