वर्किंग कपल ने फेसबुक से हायर की ऑनलाइन लिव-इन मेड; 5 दिनों में ही ले उड़ी घर का सारा सोना

बेंगलुरु से एक मामला सामने आया है, जहां पर एक वर्किंग कपल ने लिव-इन-मेड रखने का फैसला लिया, क्योंकि घर का काम देखने में समस्या हो रही थी. कपल ने फेसबुक के जरिए मेड हायर कर ली. उसके बाद वह मेड 5 दिनों में चोरी कर फरार हो गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.;

( Image Source:  Meta AI )
Edited By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 19 Nov 2025 3:19 PM IST

 एक वर्किंग कपल, अभिजीत देब और उनकी पत्नी, जो बेंगलुरु के गुड्डदहल्ली इलाके में रहते थे, ने पहली बार लिव-इन घरेलू मेड रखने का फैसला किया. उनके घर में उनका बच्चा,वाइफ और पिता जी हैं. उनके बिजी शेड्यूल और घर की जरूरतों के वजह से, उन्होंने 'कुक एंड मेड' नामक एक फेसबुक पेज पर पोस्ट कर इच्छुक कैंडिडेट्स से संपर्क करने की अपील की. कई फोन कॉल्स के बाद, एक महिला, जिसने खुद को देवोनिता कर्मकारु उर्फ रेशमा बताया, इस नौकरी के लिए आगे आई.

पहले, देवोनिता ने पार्ट-टाइम काम करने की इच्छा जताई, लेकिन अभिजीत की पत्नी ने कहा उन्हें लिव-इन मेड की तालाश है, तो कुछ दिनों बाद उसने अपनी राय बदलकर लिव-इन मेड के रूप में काम करने की हामी भर दी. 11 दिसंबर को उसने काम शुरू किया, और उसे रहने के लिए घर में एक कमरा भी दिया गया. सुरक्षा के तौर पर, अभिजीत और उनकी पत्नी ने उसका आधार कार्ड मांगा, लेकिन यह बाद में नकली साबित हुआ.

चोरी की घटना और खुलासा

16 दिसंबर की दोपहर, जब अभिजीत अपने काम पर थे और उनकी पत्नी घर पर सो रही थीं और वह शाम के 4:30 बजे सोकर उठी. देवोनिता ने घर से 2.3 लाख रुपये के सोने के गहने चुरा लिए. इनमें चूड़ियां, झुमके, एक चेन, मंगला चेन और एक अंगूठी शामिल थी. जब अभिजीत की पत्नी ने शाम को यह महसूस किया कि देवोनिता गायब है और उसका मोबाइल बंद है, तब उन्हें चोरी का पता चला.

पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद, कपल को एहसास हुआ कि उन्होंने एम्प्लॉई वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी नहीं की थी. उन्होंने यह भी बताया कि देवोनिता काम में कई बार असमर्थ रहती थी. वह खुद को पश्चिम बंगाल का बताती थी, लेकिन उसके बात करने के तरीके से लगता था कि वह ओडिशा से थी.

पुलिस कार्रवाई और सबक

हेब्बल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह घटना उन सभी कामकाजी परिवारों के लिए एक सबक है जो घरेलू सहायकों को काम पर रखते हैं. कर्मचारी का वेरिफिकेशन, उसकी बैकराउंड जांच और सही डाक्यूमेंट लेना बहुत जरूरी है.

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