'मेरी पत्नी को मेरे शव के पास मत आने देना...', बेंगलुरु में यूपी के इंजीनियर ने क्यों लगाई फांसी? सुसाइड नोट पढ़कर रो देंगे आप
Atul Subhash Suicide Case: मेरी पत्नी को मेरे शव के पास मत आने देना... यह शब्द हैं यूपी के इंजीनियर अतुल सुभाष की, जिन्होंने 9 दिसंबर को बेंगलुरु में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अतुल ने 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्होंने अपने मरने की वजह और अपनी आखिरी इच्छा बताई है.;
Atul Subhash Suicide Case: 'सर, ये मैसेज गुड बॉय बोलने के लिए है. अगर हो सके तो मेरे परिवार की मदद कर दीजिएगा. अभी तक के साथ के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद...', यह मैसेज एक व्हाट्सएप ग्रुप में डालने के बाद अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में सीलिंग फैन से लटककर अपनी जान दे दी है. अतुल उत्तर प्रदेश का रहने वाला था. वह कई दिनों से अपनी पत्नी की वजह से परेशान रहता था.
अतुल ने सुसाइड से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था. इस वीडियो में उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके साथ ही, उन्होंने 24 पन्नों का सुसाइड नोट भी लिखा था.
अतुल सुभाष का शव बेंगलुरु शहर के मंजूनाथ लेआउट इलाके में 9 दिसंबर को अपने घर पर फंदे से झूलता मिला था. उन्होंने 84 मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया है कि वे आत्महत्या क्यों करने जा रहे हैं. इस वीडियो का एक क्लिप इस समय सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
'मैं जो पैसा कमा रहा हूं, उससे अपने दुश्मन को और मजबूत बना रहा हूं'
वीडियो की शुरुआत में अतुल कहते हैं- मेरा नाम अतुल सुभाष है. मेरी उम्र 34 साल है. मैं बेंगलुरु में रहता हूं. आज मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. मेरा मानना है कि मेरे लिए खुद को मार डालना ही ज्यादा अच्छा है, क्योंकि मैं जो पैसा कमा रहा हूं, उससे अपने दुश्मन को और मजबूत बना रहा हूं. उसी पैसे का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है. यह सिलसिल बढ़ता ही रहेगा.
'मुझे सुसाइड करने के लिए कहा गया है'
अतुल सुभाष ने कहा, कोर्ट और पुलिस मुझे और मेरे परिवारवालों के साथ अन्य अच्छे लोगों को भी परेशान करेगी. उन्होंने मुझे सुसाइड करने के लिए कहा है. मुझे लगता है कि वे सही है. यही सही समाधान है. इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं.
'हो सके तो मुझे माफ कर दीजिएगा'
अतुल ने आगे कहा, जब तक मेरा उत्पीड़न करने वाले लोगों को सजा नहीं मिल जाती, मेरी पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए. हो सके तो मुझे माफ कर दीजिएगा. जिस उम्र में मुझे अपने माता-पिता का साथ देना था, उस उम्र में मैं उन्हें हमेशा के लिए दुख पहुंचा रहा हूं.
हर महीने पत्नी को देते थे 40 हजार रुपये
अतुल सुभाष ने 24 पन्नों के सुसाइड नोट को ई-मेल के जरिए कई लोगों के पास भेजा है. उन्होंने एक एनजीओ के व्हाट्सएप ग्रुप में भी नोट को शेयर किया है. सुसाइ़ड नोट के मुताबिक, अतुल अपनी पत्नी को हर महीने 40 हजार रुपये देता था. इसके बावजूद उसने 2-4 लाख रुपये और मांगे.
पत्नी ने दर्ज कराए 9 मामले
अतुल का कहना है कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए हैं. एक तरफ से वह ही उनके सुसाइड के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ने मेरे खिलाफ 9 मामले दर्ज कराए हैं. छह मामले निचली अदालत में हैं, जबकि तीन मामले उच्च अदालत में चल रहे हैं. अतुल ने बताया कि पत्नी, सास-ससुर और साले ने मेरे खिलाफ हत्या, दहेज उत्पीड़न, अप्राकृतिक यौन संबंध जैसे आरोप लगाए हैं. हालांकि, बाद में उनकी पत्नी ने मामला वापस ले लिया था.
अतुल सुभाष ने बताई अपनी आखिरी इच्छा
1. मेरे सभी मामलों की सुनवाई लाइव होनी चाहिए. इस देश के लोगों को मेरे मामले के बारे में पता होना चाहिए. साथ ही, उन्हें कानूनी व्यवस्था की भयानक स्थिति और इन महिलाओं के द्वारा कानून के दुरुपयोग के बारे में जानना चाहिए।
2. कृपया मेरे द्वारा अपलोड किए गए इस सुसाइड नोट और वीडियो को मेरे बयान और सबूत के रूप में स्वीकार करें.
3. रीता कौशिक उत्तर प्रदेश में जज हैं. मुझे डर है कि वे दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर सकती हैं, गवाहों पर दबाव डाल सकती हैं और अन्य मामलों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती हैं. मेरे अनुभव के आधार पर, बेंगलुरु की अदालतें यूपी की अदालतों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक कानून का पालन करती हैं. मैं न्याय के हित में कर्नाटक में मामलों को चलाने और मुकदमा चलने तक उसे बेंगलुरु में न्यायिक और पुलिस हिरासत में रखने का अनुरोध करता हूं.
4. मेरे बच्चे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दें,जो उसे बेहतर मूल्यों के साथ पाल सकें.
5. मेरी पत्नी या उसके परिवार को मेरे शव के पास न आने दिया जाए.
6. जब तक मेरे उत्पीड़कों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक मेरा अस्थि विसर्जन न करें. अगर कोर्ट यह फैसला सुनाता है कि भ्रष्ट जज और मेरी पत्नी तथा अन्य उत्पीड़क दोषी नहीं हैं, तो मेरी अस्थियों को कोर्ट के बाहर किसी नाले में बहा दें.
7. मेरे उत्पीड़कों को अधिकतम सजा दें. हालांकि, मुझे हमारी न्याय व्यवस्था पर बहुत भरोसा नहीं है. अगर मेरी पत्नी जैसे लोगों को जेल नहीं भेजा गया, तो उनका हौसला और बढ़ेगा और वे भविष्य में समाज के अन्य बेटों पर और भी झूठे मामले दर्ज कराएंगे.
8. न्यायपालिका को जगाना और उनसे आग्रह करना कि वे मेरे माता-पिता और मेरे भाई को झूठे मामलों में परेशान करना बंद करें.
9. इन दुष्ट लोगों के साथ कोई बातचीत, समझौता और मध्यस्थता नहीं होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
10. मेरी पत्नी को सजा से बचने के लिए केस वापस लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि वह स्पष्ट रूप से स्वीकार न कर ले कि उसने झूठे मामले दर्ज कराए हैं.
11. मेरा अनुमान है कि मेरी पत्नी अब सहानुभूति पाने के लिए मेरे बच्चे को अदालत में लाना शुरू कर देगी, जो उसने पहले नहीं किया था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मैं अपने बच्चे से न मिल सकूं. मैं अदालत से अनुरोध करता हूं कि इस नाटक की अनुमति न दी जाए.
12. हो सकता है कि अगर उत्पीड़न और जबरन वसूली जारी रही तो मेरे बूढ़े माता-पिता को अदालत से औपचारिक रूप से इच्छामृत्यु की मांग करनी चाहिए. आइए इस देश में पतियों के साथ-साथ माता-पिता को भी औपचारिक रूप से मार दें और न्यायपालिका के इतिहास में एक काला युग बनाएं. अब कथाएं सिस्टम द्वारा नियंत्रित नहीं होंगी. समय बदल गया है.
अतुल की पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज
अतुल सुभाष के भाई की शिकायत पर बेंगलुरु पुलिस ने पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अपनी शिकायत में सुभाष के भाई ने कहा कि अतुल की पत्नी और उसके परिवार ने सुभाष के खिलाफ झूठे मामले गढ़े और इन मामलों को वापस लेने के एवज में तीन करोड़ रुपये की मांग की.