IAS अफसर और इंजीनियर पर यौन उत्पीड़न का आरोप, दो लोगों की आत्महत्या से मचा हड़कंप- FIR में बड़े-बड़े अफसरों का नाम

अरुणाचल प्रदेश से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. एक IAS अधिकारी और वरिष्ठ इंजीनियर पर यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगे हैं, जिसके चलते दो लोगों ने आत्महत्या कर ली. इस घटना ने न सिर्फ प्रशासनिक तंत्र की साख पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि सत्ता और शोषण के रिश्ते को भी उजागर कर दिया है.;

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By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 25 Oct 2025 12:20 AM IST

अरुणाचल प्रदेश से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. एक IAS अधिकारी और वरिष्ठ इंजीनियर पर यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगे हैं, जिसके चलते दो लोगों ने आत्महत्या कर ली. इस घटना ने न सिर्फ प्रशासनिक तंत्र की साख पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि सत्ता और शोषण के रिश्ते को भी उजागर कर दिया है.

पहली आत्महत्या 23 अक्टूबर को हुई जब 19 वर्षीय युवक ने खुद को गोली मार ली, और अपने सुसाइड नोट में इस पूरे घटनाक्रम की भयावह सच्चाई उजागर की. उसने अपने नोट में स्पष्ट लिखा- 'मेरी मौत का जिम्मेदार तालो पोटोम (IAS) है. अगर उन्होंने मुझे इस नौकरी में नहीं रखा होता तो मैं ये कदम नहीं उठाता.”

आत्महत्या से पहले युवक ने लिखी दर्दनाक कहानी

मृतक युवक के सुसाइड नोट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. उसने बताया कि उसे महीनों तक यौन उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और धमकियों का सामना करना पड़ा. नोट में यह भी लिखा गया कि उसने HIV संक्रमण के बाद अधिकारियों में से एक पर उसे ब्लैकमेल और त्यागने का आरोप लगाया. घटना के कुछ घंटे बाद ही लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक वरिष्ठ इंजीनियर ने भी खुद को गोली मार ली, जिससे पूरे राज्य में सनसनी फैल गई.

FIR में बड़े अफसरों के नाम, परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

मृतक के पिता ने निरजुली थाने में FIR दर्ज कराई, जिसमें पूर्व डिप्टी कमिश्नर तालो पोटोम (वर्तमान में दिल्ली में PWD सचिव) और लिकवांग लोवांग (एक्जीक्यूटिव इंजीनियर) का नाम लिया गया है. FIR में आरोप है कि दोनों ने युवक को आत्महत्या के लिए उकसाया, यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना दी. FIR में लिखा गया — “सुसाइड नोट में मृतक ने साफ-साफ लिखा है कि तालो पोटोम और लिकवांग लोवांग ने उसे ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया कि वह मौत को गले लगाने पर मजबूर हो गया.”

भ्रष्टाचार के दबाव और यौन शोषण के गंभीर आरोप

शिकायत में यह भी कहा गया है कि तालो पोटोम ने युवक पर भ्रष्टाचार और अवैध कामों में शामिल होने का दबाव बनाया था. FIR के मुताबिक, “तालो पोटोम ने उसे विभागीय कामों में अनियमितताएं करने और फंड में गड़बड़ी के लिए मजबूर किया. बाद में उसे अनुबंध पर MTS नियुक्त किया गया ताकि वह उनके इशारों पर काम कर सके.” परिवार का कहना है कि यह पूरा मामला शक्ति और सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण है. उन्होंने जांच एजेंसियों से कॉल रिकॉर्ड, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और संचार विवरण की जांच करने की मांग की है.

"न्याय दिलाया जाए, ताकि कोई कानून से ऊपर न रहे"

परिवार ने कहा, “हमारे बेटे की मौत व्यर्थ नहीं जानी चाहिए. यह मामला सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग की क्रूर कहानी है. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति खुद को कानून से ऊपर न समझे.” पुलिस ने घटनास्थल से सुसाइड नोट और डिजिटल सबूत बरामद कर लिए हैं. इसे “डाइंग डिक्लेरेशन” (मृत्युपूर्व बयान) मानकर जांच की जा रही है. डीएनए सैंपल और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर केस को फॉरेंसिक टीम देख रही है. यह मामला अब राज्य की सीमाओं से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, और कई संगठनों ने न्यायिक जांच की मांग उठाई है.

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