क्या है एनोरेक्सिया? 5 महीने से जूझ रही थी 18 साल की युवती, खाना छोड़ पानी पर गुजरे दिन, अब हुई मौत
केरला से एक मामला सामने आया है जहां एक 18 साल की लड़की एनोरेक्सिया से पीड़ित थी.जिससे उसकी जान चली गई. परिवार और डॉक्टरों के अनुसार, श्रीनंदा करीब 5 से 6 महीने से इस बीमारी से पीड़ित थी. उन्होंने बताया कि वह कुछ महीनों तक मुश्किल से कुछ खाया था.;
वजन कम करना कितना जुनूनी हो सकता है जिसमें आपकी जान ही क्यों न चली जाए. एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां केरल की एक 18 साल की लड़की जो वजन घटाने में इतनी जुनूनी हो गई कि एनोरेक्सिया के कारण उसकी जान चली गई. युवती वजन घटाने वाली डाइट के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर डिपेंड थी और महीनों से पानी पर जीवित थी.
मृतक की पहचान श्रीनंदा के रूप में की गई, जिसके परिवार ने बताया कि वह एनोरेक्सिया की बीमारी से पीड़ित थी और खाना नहीं खाती थी. अधिकारियों ने बताया, 'करीब पांच महीने पहले उसे अस्पताल ले जाया गया था और डॉक्टरों ने उसे खाने की सलाह दी थी और परिवार को साइकेट्रिस्ट से काउंसिलिंग लेने के लिए कहा था. एक रिश्तेदार के अनुसार, श्रीनंदा अपने माता-पिता द्वारा दिए गए खाने को नहीं खाती थी और लंबे समय तक गर्म पानी पर जीवित रही.
ब्लड शुगर गिर गया था
परिवार उसे कोझिकोड मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले गया, जहां उसका चेकअप किया गया. डॉक्टरों ने परिवार को उसे खाना खिलाने सलाह दी. दो हफ़्ते पहले उसका ब्लड शुगर गिर गया था, साथ ही उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी. उसे तुरंत थालासेरी को-ऑपरेटिव अस्पताल में भर्ती कराया गया. कंसल्टेंट फिजीशियन डॉ. नागेश मनोहर प्रभु ने बताया कि उन्हें करीब 12 दिन पहले अस्पताल लाया गया था और सीधे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया था.
वेंटिलेटर पर तोड़ा दम
डॉक्टर ने बताया कि जब उसे अस्पताल लाया गया था, तब उसका वजन मुश्किल से 24 किलो था और वह पहले से ही बिस्तर पर थी. डॉक्टर ने कहा, 'उसका शुगर लेवल, सोडियम, बीपी कम था. वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी. लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और वह अपनी बीमारी के कारण दम तोड़ गई. 18 साल की श्रीनंदा वजन घटाने वाली डाइट के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर डिपेंड थी और महीनों से पानी पर जीवित थी. हालांकि उसका एनोरेक्सिया से पीड़ित होना उन युवाओं के लिए सबक है जो बिना बात के अपने बढ़ते वजन की चिंता करते हैं.
क्या है एनोरेक्सिया
एनोरेक्सिया एक ऐसी मानसिक बीमारी है जिससे पीड़ित लोग वजन घटाने और डाइट के बारे में बहुत चिंतित हो जाते हैं. इस बीमारी से पीड़ित लोग दुबले-पतले शरीर के बावजूद खुद को 'अधिक वजन वाला' मान लेते हैं और खाना खाने से बचते हैं. जैसा की इस मामले में श्रीनंदा ने किया जो पिछले 5 से 6 महीने से एनोरेक्सिया से पीड़ित थी. उन्होंने बताया कि वह कुछ महीनों तक मुश्किल से कुछ खाया था और उसने यह बात अपने परिवार के सदस्यों से भी छिपाई थी.
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एनोरेक्सिया के लक्षण
व्यक्ति को खाना खाने का मन नहीं करता है या बहुत ही कम खाता है. व्यक्ति को अपना वजन बढ़ने का डर रहता है, भले ही उसका वजन नॉर्मल या कम ही क्यों न हो. व्यक्ति खुद को मोटा समझता है, भले ही वह पतला हो. इसी के साथ कमजोरी, थकान, बालों का झड़ना, त्वचा का रंग खराब होना, मासिक धर्म का बंद होने लगता है.
इससे बचने के लिए क्या करें
बता दें कि एनोरेक्सिया उस स्थिति में पैदा होना शुरू होता है, जब व्यक्ति डिप्रेशन, तनाव या अपने अंदर कॉन्फिडेंस कमी महसूस करता है. लेकिन इससे बचने का उपाय भी किया जा सकता है. जिसके लिए सबसे पहले एनोरेक्सिया से पीड़ित व्यक्ति को साइकोथेरेपी या साइकेट्रिस्ट से काउंसिलिंग लेने की जरूरत होती है. इसके अलावा पीड़ित को सही डाइट लेनी शुरू कर देनी चाहिए.