एक दिन में दो हवाई संकट! कोलकाता-चेन्नई में विमान की इमरजेंसी लैंडिंग, पायलटों की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा
29 जून (रविवार) को दो अलग-अलग उड़ानों में तकनीकी खामियों के चलते बड़ी दुर्घटनाएं टल गईं. एयर इंडिया की टोक्यो-दिल्ली फ्लाइट को केबिन में गर्मी बढ़ने पर कोलकाता डायवर्ट किया गया, वहीं इंडिगो की त्रिची-सिंगापुर फ्लाइट ने तकनीकी खराबी के कारण चेन्नई में आपात लैंडिंग की. दोनों फ्लाइट्स में सभी यात्री सुरक्षित हैं, लेकिन घटनाओं ने विमान सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है.;
देश में दो अलग-अलग उड़ानों में तकनीकी खामियों और एसी फेलियर के कारण यात्रियों की जान खतरे में आ गई, जिससे हड़कंप मच गया. रविवार को एक ओर एयर इंडिया की टोक्यो से दिल्ली जा रही फ्लाइट (AI357) को केबिन में अत्यधिक गर्मी के कारण कोलकाता एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी, वहीं दूसरी ओर इंडिगो की एक फ्लाइट (6E-6679) ने चेन्नई एयरपोर्ट पर तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग की.
एयर इंडिया की AI357 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ान ने टोक्यो के हानेडा एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन रास्ते में यात्रियों ने केबिन में लगातार बढ़ती गर्मी की शिकायत की. एयरलाइन ने इसे एहतियाती कदम बताते हुए विमान को कोलकाता डायवर्ट कर दिया, जहां उसने सुरक्षित लैंडिंग की. फ्लाइट की तकनीकी जांच की जा रही है और यात्रियों को जल्द दिल्ली पहुंचाने के लिए वैकल्पिक इंतज़ाम किए जा रहे हैं.
इंडिगो फ्लाइट की चेन्नई में आपात लैंडिंग
एक दूसरी घटना में, इंडिगो की फ्लाइट 6E-6679, जो त्रिची से सिंगापुर जा रही थी, उसमें 165 यात्री सवार थे. उड़ान के दौरान पायलट को तकनीकी गड़बड़ी का संकेत मिला, जिसके बाद एटीसी से संपर्क कर चेन्नई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की गई. राहत की बात यह रही कि विमान ने सुरक्षित लैंडिंग की और सभी यात्री सुरक्षित हैं.
क्या कहती हैं ये घटनाएं?
इन दोनों घटनाओं ने एयरलाइन सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यात्रियों की सतर्कता और पायलटों की त्वरित प्रतिक्रिया से जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले एयरलाइन कंपनियों के रखरखाव और सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल उठाते हैं.