हवा में हिला AIR INDIA फ्लाइट का दरवाज़ा, गुर्राने की आवाज सुन डरे यात्री, क्रू ने नैपकिन से किया देसी जुगाड़
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट हादसे के बाद इस कंपनी की सर्विस को लेकर कई खबरें सामने आई हैं. जहां हाल ही में सोशल मीडिया पर एक शख्स ने बताया कि दिल्ली से हांगकांग जा रही फ्लाइट के दरवाजे अचानक हिलने लगे थे, जिससे गुर्राने जैसी आवाज आ रही थी. इसके बाद फ्लाइट अटेंडेंट ने नैपकिन की मदद से इसे ठीक किया.

1 जून की रात को एयर इंडिया की AI-314 दिल्ली से हांगकांग के लिए रवाना हुई. रात 11:45 बजे यह फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट से टेक-ऑफ हुई. शुरुआत में सब कुछ सामान्य था. लेकिन उड़ान भरने के लगभग एक घंटे बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे फ्लाइट में बैठे लोगों की सांसें थम गईं.
करीब एक घंटे बाद अचानक एक दरवाज़ा हिलने लगा और उसमें से फुफकारने और गुर्राने जैसी आवाजें आने लगीं. ऐसा लग रहा था मानो दरवाज़ा पूरी तरह से बंद नहीं हुआ हो. कुछ यात्रियों को लगा कि हवा का दबाव दरवाज़े की सील से बाहर निकल रहा है.
फ्लाइट अटेंडेंट का देसी जुगाड़
घबराए हुए यात्री सोच ही रहे थे कि अब क्या होगा, तभी फ्लाइट अटेंडेंट ने दरवाज़े के ऊपरी हिस्से की हल्की सी खुली जगह में पेपर नैपकिन डाल दिया और उसे धकेलकर बंद कर दिया. इससे आवाज़ थोड़ी कम हो गई और फ्लाइट अपनी मंज़िल की ओर बढ़ती रही.
एयर इंडिया का जवाब
बाद में एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि उड़ान से पहले विमान की पूरी जांच की गई थी और सभी सुरक्षा मापदंड पूरे किए गए थे. हांगकांग में लैंडिंग के बाद इंजीनियरों ने दरवाज़े की जांच की और कोई खतरा नहीं पाया गया. फ्लाइट वापसी में बिल्कुल सामान्य रही.
Boeing 787 का दरवाज़ा कैसे अलग होता है?
Boeing 787 के दरवाज़े को ‘प्लग-टाइप’ कहा जाता है, जो फ्लाइट के अंदर की ओर दबाया जाता है ताकि वह लॉक हो जाए. इसके दरवाज़ों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी होती है. पुरानी फ्लाइट जैसे Boeing 737 या 777 में दरवाज़े मैन्युअली ऑपरेट होते हैं. इस कारण 787 में कोई गड़बड़ी आने पर आवाज़ें आ सकती हैं, लेकिन दरवाज़ा उड़ान के बीच में खुल नहीं सकता है.
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं हुआ है जब Boeing 787 में उड़ान के दौरान दरवाज़े से आवाजें आई हों. इससे पहले 2019 में जापान एयरलाइंस की एक फ्लाइट को टोक्यो वापस लौटना पड़ा था. इसके बाद 2022 में TUI एयरलाइंस और अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट्स में भी ऐसी ही घटनाएं हुईं और पायलटों ने एहतियातन विमान लौटा लिए. हालांकि, इन किसी भी मामले में केबिन का दबाव नहीं गिरा और सब कुछ सुरक्षित रहा.