रातों को नींद नहीं आती, घबराहट और बेचैनी से बुरा हाल! अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बचा एकमात्र यात्री अब ऐसे जी रहा जीवन
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया उड़ान AI-171 प्लेन क्रैश में बचा एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश गहरे सदमे में हैं. हादसे का उनके दिमाग पर असर हुआ है. रातों को चैन से सो नहीं पाते और आंखों के सामने आग में चलते लोगों के सीन दिखाई देते हैं.;
Ahmedabad Plane Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया उड़ान AI-171 प्लेन क्रैश हो गया था. हादसे से वक्त फ्लाइट में कैबिन क्रू और पायलट के साथ 242 यात्री सवार थे. सभी की मौत हो गई लेकिन एक मात्र सीट नंबर 11 का एक यात्री विश्वास कुमार रमेश बचकर बाहर निकल आया. हादसे को बीते 1 महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन वह सदमे से बाहर नहीं आ पा रहा.
प्लेन हादसे में 51 साल के विश्वास कुमार के छोटे भाई अजय रमेश भी शामिल थे. विश्वास के दिमाग पर हादसे का गहरा असर हुआ है. अब वह साइकीएट्रिस्ट की मदद से उस दर्दनाक अनुभव से उबरने की कोशिश कर रहे हैं.
प्लेन हादसे से लगा सदमा
एयरपोर्ट से टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान क्रैश कर एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत से टकराया, बाद में आग ने उसे घेर लिया. सीट नंबर 11ए सीट पर बैठे विश्वास, जहां विमान की दरवाजा टूट कर खुला, वहीं से वह बाहर निकलने में सफल रहे. हादसे के तुरंत बाद एक वायरल वीडियो में उसे धुएं और मलबे के बीच चलकर एम्बुलेंस की ओर जाते दिखाया गया था.
भाई का अंतिम संस्कार
विश्वास ने अस्पताल से डिस्चार्ड होकर 18 जून को अपने भाई अजय अंतिम संस्कार में पहुंचे. विश्वास शारीरिक रूप से वह स्वस्थ है, लेकिन रात को बार-बार नींद टूटना, कभी-कभी बिना किसी से बात किए रहना, और गहरे मानसिक पीड़ा में डूब जाना जैसी मानसिक समस्या का सामना कर रहे हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद अस्पताल में उनसे मुलाकात कर दिलासा दिया. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है, और वह लंदन लौटने का कोई निर्णय नहीं ले पाए हैं क्योंकि ट्रॉमा से उबरना समय लेता है.
चचेरे भाई ने दी जानकारी
मीडिया से बात करते हुए विश्वास के चचेरे भाई सनी ने बताया कि विश्वास रमेश इस दर्दनाक हादसे उभरने की कोशिश कर रहा है. वह भावनात्मक रूप से काफी टूट गए हैं. उन्होंने कहा कि विदेश में रहने वाले हमारे रिश्तेदारों समेत कई लोग विश्वास का हालचाल जानने के लिए हमें फ़ोन करते हैं. लेकिन वह किसी से बात नहीं करता. वह अभी भी दुर्घटना और अपने भाई की मौत के मानसिक आघात से उबर नहीं पाया है.